एफआईआर दर्ज करने में अज्ञानता सूत्र बताते हैं कि 28 अप्रेल को बलात्कार पीडि़ता अजमेर रेंज आईजी रूपिंदर सिंह से मिली और प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद आईजी कार्यालय से प्राप्त पत्र पर संबंधित आदेश की पालना का पत्र खुनखुना थाने भेजा गया, जिसमें मामला दर्ज कर जांच करने के निर्देश दिए गए। शनिवार को एफआईआर का अवलोकन किया गया तो पता चला कि पीडि़ता के पर्चा बयान के मजमून का तो कोई जिक्र तक नहीं किया गया। आईजी-एसपी कार्यालय से मिले पत्र को उल्लेखित कर एफआईआर दर्ज कर दी गई। यानी एफआईआर तक दर्ज करने की अज्ञानता रही तो थाना प्रभारी ने भी इस पर गौर नहीं किया। इस लापरवाही पर थाना प्रभारी धर्मपाल सिंह मीणा, हैड कांस्टेबल (क्राइम) बंशीलाल, हैड कांस्टेबल ओमप्रकाश और कांस्टेबल सुरेश कुमार को अज्ञानता तथा आरोपियों को लाभ पहुंचाने का दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया।
नशे में नाकाबंदी सूत्रों के अनुसार शनिवार को थाना प्रभारी धर्मपाल सिंह मीणा मय टीम बस स्टैंड के पास नाकाबंदी कर रहे थे। इस दौरान डीडवाना सीओ गोमाराम गश्त चेक करने के हिसाब से पहुंचे। यहां बातचीत के दौरान थाना प्रभारी धर्मपाल सिंह मीणा के मुंह से दुर्गंध आई तो चलते समय भी वो लडख़ड़ा रहे थे। उनका मेडिकल मुआयना कराया गया तो शराब का सेवन करना पाया गया। एफआईआर दर्ज करने में हुई गफलत के साथ नशे में नाकाबंदी करने के दोनों ही मामलों में धर्मपाल सिंह के खिलाफ जांच होगी।
इनका कहना बलात्कार पीडि़ता की एफआईआर तक सही नहीं लिखी गई। आईजी-एसपी कार्यालय के पत्र में उल्लेखित वाक्य ही इसमें दर्ज कर दिए गए। थाना प्रभारी नाकाबंदी के दौरान शराब के नशे में पाए गए। थाना प्रभारी धर्मपाल सिंह मीणा, हैड कांस्टेबल बंशीलाल व ओमप्रकाश के साथ कांस्टेबल सुरेश कुमार को निलंबित किया गया है। इन दोनों मामलों की विभागीय जांच करवाई जा रही है।
-राममूर्ति जोशी, एसपी नागौर