कृषि उपज मण्डी स्थित कोठारी ट्रेडर्स पर काम करने वाले दो मुनीम नथावड़ा निवासी मुकेश पुत्र जस्साराम भींचर व लुणियावास निवासी राजूराम पुत्र शंकरराम खदाव दोपहर 3 बजे करीब बैंक से पैसे निकलवाने के लिए मण्डी से रवाना हुए। बीओबी बैंक पहुंचने के बाद मुनीम ने बैंक में चेक भी लगाया और पैसे निकालने के लिए कतार में खड़े हो गए। इस दौरान एक मुनीम राजूराम दूसरे मुनीम मुकेश को कैश काउंटर पर लाइन में लगाकर किसी काम से बाहर निकला। कुछ ही देर में मुनीम मुकेश को काउंटर से कैश मिल गया।
मुकेश ने 5 लाख रुपए अपने थैले में डाल लिए और रवाना होने लगा। तभी अचानक पहले से मुनीम की रैकी कर रहे दो ठग मुनीम मुकेश के पास पहुंचे और बड़े ही इतमिनान के साथ कहा, कि भाई नए नोटों पर स्याही तो लगी हुई नहीं है, अगर स्याही लगी हुई तो चलेंगे नहीं, एक बार चैक कर लो। जिस पर मुनीम बैंक की एक टेबल पर बैठकर नोट चैक करने लग गया तो दोनों ठग भी मुनीम को बातों में उलझा कर मदद के बहाने नोट चेक करने लग गए और बड़े ही शातिर तरीके से 2 हजार के नोटों की गड्डी में से 1 लाख 28 हजार रुपए निकाल कर अपनी जेब में डाल लिए और मुनीम को शक न हो इसलिए दो हजार के नोट की दो गड्डियों को एक गड्डी बनाकर उसे थमा दी और कहा, कि किसी भी नोट पर स्याही नहीं है, ऐसा कहकर चले गए।
दूसरे मुनीम के आते ही चले गए ठग, नोट गिने तो पता चला ठगी का
बैंक में जब दूसरा मुनीम पहुंचा तब तक ठग गड्डियों में से 1 लाख 28 हजार रुपए निकाल चुके थे और करतूत पकड़ी न जाए इसलिए दूसरे मुनीम के आते ही बैंक से बाहर निकलने की तैयारी भी शुरू कर दी। पहले बैग लटकाए एक ठग बाहर निकला और फिर चौकड़ी का शर्ट पहने दूसरा ठग भी बाहर निकल गया। दोनों ठग बाहर पड़ी बाइक पर बैठकर चले गए। दो हजार के नोटों की एक हुई गड्डी को जब दोनों मुनीमों ने गिना तो उन्हें 1.28 लाख रुपए कम मिले। तब उन्हें ठगी की वारदात का पता चला। इसके बाद उन्होंने अपने प्रतिष्ठान ऑनर व बैंक मैनेजर को आपबीती बताई। बाद में मंडी व्यापारी ने थाने पहुंच कर पुलिस को मामले की सूचना दी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
शक न हो इसलिए बैग साथ रखा, खुद को व्यस्त बनाने का नाटक भी करते रहे
दरअसल ठगी की यह पूरी वारदात बैंक परिसर में लगे अलग-अलग सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई। ठग दोपहर 3.05 बजे बैंक में घुसे थे और 3.30 पर ठगी की वारदात को अंजाम देकर बाहर निकल गए। बैंक में गार्ड सहित किसी को शक न हो इसलिए 25 से 35 साल की उम्र के लगने वाले ठगों में से एक ने बकायदा अपने हाथ में बैग लटकाए रखा और बार-बार पर्ची काउंटर की तरफ आते-जाते रहे। जेब से पेन निकालते रहे। पर्स से पैसे भी निकालते व अंदर डालते रहे।
*बड़ा एमाउंट निकालने वालों का इंतजार कर रहे थे ठग*
दोनों ठगों में से एक ठग तो कैश काउंटर के सामने कुर्सी पर बैठ गया और दूसरा ठग कैश काउंटर के इर्द-गिर्द घुमते रहा और यह देखता रहा कि कौन बैंक से बड़ा एमाउंट निकालता है। ऐसे में मंडी के मुनीम को जब 2 हजार, 500, 100-100 व 10-10 रुपए की गड्डियों को कैश काउंटर से थैले में डालते हुए देखा तो दोनों ही ठग उसके पास पहुंच गए और नोटों पर स्याही लगी होने की बात कहकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया।
पत्रिका सलाह
– बैंक में लेन-देन करते समय किसी भी अनजान व्यक्ति की बातों में न आए
– बैंक में पर्ची भरवाने, पैसे गिनने में अनजान की मदद न लें
– अगर किसी पर शक हो तो तुरंत गार्ड व शाखा प्रबंधक को सूचित करें
– बैंक में लेन-देन करते समय किसी भी अनजान व्यक्ति की बातों में न आए
– बैंक में पर्ची भरवाने, पैसे गिनने में अनजान की मदद न लें
– अगर किसी पर शक हो तो तुरंत गार्ड व शाखा प्रबंधक को सूचित करें