आजादी की लडाई में जेल गए शास्त्री ने महात्मा गांधी के साथ 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। आंदोलन के दौरान शास्त्री व उनके साथियों ने गिरफ्तारियां दी। अंग्रेज उन्हें पकड़ कर ले गए और कुछ दिनों बाद जंगल में छोड़ दिया गया। परिजनों के अनुसार कालूराम शास्त्री का जन्म 14 दिसम्बर 1927 को डेगाना तहसील के ग्राम हरसौर में मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। इनको दो पुत्रों की प्राप्ति हुई। जिनमें से एक का पहले ही देहांत हो चुका। एक पुत्र शिवराज पारीक है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 9 अगस्त 2015 को उन्हें सम्मानित किया। वहीं 27 सितम्बर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भगत सिंह के जन्मदिन पर इन्हें सम्मानित किया। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने भी उन्हें सम्मानित किया।
यह रहे मौजूद
शास्त्री की अंत्येष्टि में नागौर जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, पुलिस अधीक्षक श्वेता धनखड़, डेगाना तहसीलदार मुकेश चौधरी, डेगाना डिप्टी नन्दलाल सैनी, थांवला थानाधिकारी हीरालाल, भाजपा नागौर शहर जिला उपाध्यक्ष हेमराज दिवाकर, हरसौर सरपंच जाकिर हुसैन सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण व पुलिस प्रशासन मौजूदगी में शास्त्री को अंतिम विदाई दी गई।