scriptसांवराद में बहादुरी दिखाने वाले पांच पुलिस जवानों को मिलेगा गैलेन्ट्री अवार्ड | Gallantry Award will be given to five police personnel who show braver | Patrika News

सांवराद में बहादुरी दिखाने वाले पांच पुलिस जवानों को मिलेगा गैलेन्ट्री अवार्ड

locationनागौरPublished: Jan 20, 2022 09:48:12 pm

Submitted by:

Sandeep Pandey

संदीप पाण्डेयनागौर. करीब साढ़े चार साल पहले सांवराद में आनंदपाल एनकाउंटर के बाद उपजे हालात पर काबू पाने वाले नागौर पुलिस के पांच बहादुर जवान गैलेन्ट्री अवार्ड से नवाजे जाएंगे। पुलिस महानिदेशक (डीजी) की अध्यक्षता में गठित अनुशासन कमेटी ने इसकी हरी झण्डी दे दी है। एसीबी और विजिलेंस शाखा से रिपोर्ट मिलते ही इनकी बहादुरी का इनाम/पदोन्नति-पत्र ‘जारी’ कर दिया जाएगा।

mahaveer,एसपी के प्रस्ताव पर लगी मुहर

राजू फौजी के लिए तीन का भेजा प्रस्ताव,लंबा इंतजार हुआ खत्म, एसीबी-विजिलेंस की रिपोर्ट के बाद होंगे ‘पुरस्कृत’



एक्सक्लूसिव
नागौर एसपी अभिजीत सिंह की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर ‘मुहर’ लगने में भी देर नहीं लगी। हालांकि पहले के चार साल यह मामला उलझकर ही रह गया था। सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में सदर थाना हैड कांस्टेबल महावीर सिंह, एसपी गनमैन महावीर, खुनखुना थाना हैड कांस्टेबल पुरखाराम, सदर थाना चालक मंछाराम व अजमेर सीओ गनमैन शंकर को गैलेन्ट्री अवार्ड से नवाजा जाएगा। एसपी अभिजीत सिंह के भेजे प्रस्ताव पर अनुशासन समिति ने स्वीकृति दे दी है। अब संबंधित ‘इनामदार’ की एसीबी और विजिलेंस से आने वाली रिपोर्ट की औपचारिकता बस बाकी है। आनंदपाल एनकाउंटर के बाद सांवराद में हालात बेकाबू हो गए थे। कई दिनों तक पुलिस को यहां डेरा डालना पड़ा था। मामला शांत होने के बाद से बहादुर जवानों को इनाम/गैलेंट्री अवार्ड देने की पहल शुरू हो पाती, इससे पहले ही सीबीआई की ‘जांच’ इसमें बाधा बन गई।
ये फंसा पेंच
सूत्रों का कहना है कि आनंदपाल एनकाउण्टर पर ही सवाल खड़े हो गए थे। इसकी सीबीआई जांच की मांग उठने लगी थी। सामाजिक संगठनों का रोष भी सामने आ रहा था। बताया जाता है कि आनंदपाल से जुड़े मामलों की सीबीआई जांच के साथ राजनीतिक कारणों से भी यह आगे नहीं ‘खिसका’। यानी किसी भी इनाम पर पूरी तरह अघोषित ‘आपातकाल’ लगा दिया गया। सीबीआई जांच के चलते इस तरह का प्रस्ताव तैयार ही नहीं किया। तत्कालीन एसपी श्वेता धनखड़ के समय इस मामले में एफआर लगी। जून 2020 में अभिजीत सिंह ने नागौर एसपी की कुर्सी संभाली। इसके बाद इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर भिजवाया।
लंबे समय तक चला विरोध-प्रदर्शन
24 जून 2017 को आनंदपाल एनकाउण्टर के बाद उसके पैतृक गांव सांवराद में सभा के लिए भीड़ जुटने लगी थी। उसके शव का भी अंतिम संस्कार नहीं हुआ। ऐसे में 12 जुलाई को यहां बड़ी सभा का ऐलान हुआ। आला अधिकारियों की टीम के साथ सैकड़ों जवानों ने मोर्चा संभाला। नागौर जिले की सीमा सील कर दी गई, 32 नाके लगाए गए तो चार जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया।
भीड़ ने घेरा, मरा समझकर छोड़ गई
इस दौरान सांवराद स्टेशन पर भीड़ कुछ आरपीएफ जवानों को बंधक बनाने के साथ आग लगाने में जुट गई। मोर्चा संभालने तत्कालीन एसपी परिस देशमुख के साथ नागौर की जिला विशेष शाखा के हैड कांस्टेबल महावीर सिंह, एसपी के गनमैन महावीर, एसपी चालक मंछाराम, अजमेर की प्रशिक्षु आईपीएस मोनिका सेन, उनके गनमैन शंकर, कांस्टेबल पुरखाराम आदि को भीड़ ने बीच में ही रोक लिया। उग्र भीड़ ने मारना शुरू कर दिया, एसपी की गाड़ी जला दी। करीब आधा घंटे बाद समझाइश के बाद भीड़ चली गई। इस दौरान महिला आईपीएस के साथ भी अभद्रता हुई। भीड़ बुरी तरह घायल जवानों को मरा समझकर चली गई। देशमुख ने जाब्ता बुलवाकर घायल मंछाराम, पुरखाराम, महावीर, शंकर, महावीर सिंह आदि को अस्पताल पहुंचवाया। हालात ऐसे हुए कि सांवराद में कर्यू लगाया गया। संभवतया इसी बहादुरी पर इन पांचों को अब ‘पुरस्कृत’ किया जा रहा है।
साइबर सेल के दो को मिला,राजू फौजी पर तीन गैलेन्ट्री अवार्ड का प्रस्ताव
साइबर सेल के हैड कांस्टेबल मूलाराम और श्याम प्रताप को पिछले दिनों गैलेन्ट्री अवार्ड मिला है। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों जोधपुर में पकड़े गए कुयात तस्कर राजू फौजी के लिए भी नागौर के तीन पुलिस कर्मियों को गैलेन्ट्री अवार्ड दिए जाने का एक प्रस्ताव एसपी अभिजीत सिंह ने भिजवाया है। इनमें एसआई अशोक बिसु, क्यूआरटी कमाण्डो महेन्द्र और एक अन्य शामिल है।

ट्रेंडिंग वीडियो