मंगलवार को जयपुर से जारी हुई रिपोर्ट में नागौर जिले में एक कोरोना मरीज की मौत बताई गई, जबकि जेएलएन में मंगलवार को भी एक मरीज की मौत हुई। यदि सोमवार रात को होने वाली मौतों का आंकड़ा शामिल किया जाता तो तीन मौत होनी चाहिए, लेकिन एक भी बताई गई है। इसी प्रकार रविवार को जिले के कुल पांच मरीजों की मौत नागौर सहित जोधपुर व जयपुर के अस्पतालों में हुई, इसके बावजूद रिपोर्ट में एक मरीज की मौत दर्शाई गई। ताज्जुब की बात यह है कि कोरोना से होने वाली मौतों की जानकारी स्थानीय चिकित्सा विभाग के अधिकारी दे रहे हैं, लेकिन जिला मुख्यालय के अधिकारी इसको लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।
मंगलवार को रिकॉर्ड मरीज मंगलवार को जयपुर से जारी हुई कोरोना रिपोर्ट के अनुसार जिले में 185 नए कोरोना मरीज मिले हैं, जबकि एक मरीज की मौत हुई है। मंगलवार को नए मरीजों को मिलाकर जिले में अब एक्टिव केस की संख्या 831 हो चुकी है, जबकि 57 मरीजों को ठीक होने पर डिस्चार्ज भी किया गया है। जेएलएन में 60 से अधिक ऑक्सीजन पर जिला मुख्यालय के जेएलएन अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों की संख्या 85 पहुंच गई। इसमें से 60 से अधिक मरीज ऑक्सीजन पर हैं।
डीडवाना में बन रहा जिले का दूसरा ऑक्सीजन प्लांट
नागौर. मुय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेहराम महिया ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना की दूसरी लहर से भयावह होती जा रही स्थिति से निपटने के लिए जिले के राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में 471 बेड कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध हैं, जिनमें कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए 160 ऑक्सीजन सपोर्ट बैड, 67 आइसीयू एवं वेंटीलेंटर बैड उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि जिले के सभी राजकीय चिकित्सालयों में 593 आक्सीजन सिलेण्डर उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से आवश्यकता पडऩे पर कोविड केयर सेंटरों में उपलब्ध 574 अतिरिक्त बेड को आक्सीजन युक्त बेड बनाया जा सकता है।
डॉ. महिया के अनुसार जिले के राजकीय चिकित्सालयों में आने वाले साधारण कोरोना मरीजों के लिए 244 बेड उपलब्ध हैं। कोरोना मरीजों के लिए नागौर शहर के पुराने चिकित्सालय में 50 एवं भास्कर अस्पताल में 35 अतिरिक्त बैड उपलब्ध हैं। नागौर के जेएलएन अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट में ऑक्सीजन का निर्माण हो रहा है। अब जिले का दूसरा ऑक्सीजन प्लांट डीडवाना में प्रगति पर है, जिसमें शीघ्र ही ऑक्सीजन मिलनी शुरू हो जाएगी। कुचामन और लाडनूं में ऑक्सीजन मेन फोल्ड रूम बनाया गया है, जिसके माध्यम से उच्च क्षमता के दबाव में आक्सीजन का भराव सिलेण्डरों में हो सकेगा।