दावा: फर्जी नहीं था एनकाउंटर
भले ही एसओजी और पुलिस के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि gangster anadpal singh का फर्जी एनकाउंटर नहीं था लेकिन केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एनकाउंटर पर सवाल खड़े कर दिए है। कथित फर्जी एनकाउंटर की एफआईआर दर्ज कराने में एसओजी के अधिकारियों से बड़ी चूक हुई है। ऐसे में एसओजी व चूरू पुलिस के अफसर पशोपेश में नजर आ रहे हैं। इस संबंध में CBI घटनास्थल पर मौजूद सभी पुलिसकर्मियों के बयान भी ले चुकी है। दरअसल, मुठभेड़ के बाद एसओजी के एडिशनल एसपी करन शर्मा की तरफ से रतनगढ़ थाने में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 332, 353, 337, 212 व 216 और आयुध अधिनियम 3, 7, 25 व 27 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।
दहशत का पर्याय बन गया था आनंदपाल
सूत्रों के अनुसार सीबीआई की जांच में सामने आया कि करन शर्मा आरोपी विक्की व देवेन्द्र को सिरसा में पकडऩे के दौरान मौके पर नहीं थे जबकि एनकाउंटर के समय मालासर श्रवण सिंह के घर से काफी दूर थे। ऐसे में घटनाक्रम की उनकी तरफ से रिपोर्ट दर्ज कराना एनकाउंटर को सवाल के कठघरे में खड़ा कर दिया है। नागौर के लाडनूं तहसील के गांव सांवराद में जन्मा और जवान होते होते क्राइम की दुनिया का बड़ा नाम बन गया। लूट, डकैती, हत्या सहित दो दर्जन से भी ज्यादा मामले दर्ज हुए आनंदपाल पर।