scriptसूखी और हरी सब्जी में उपयोगी है काचरा | Garlic is useful in dry and green vegetables | Patrika News

सूखी और हरी सब्जी में उपयोगी है काचरा

locationनागौरPublished: Oct 13, 2018 10:52:41 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

सूखी और हरी सब्जी के रूप में ग्रामीणों की पहली पसंद काचरा

Nagaur patrika

Now Crop Cutting Work from Mobile

नागौर/रूण. रूण सहित आस-पास के गांवो में इन दिनों ग्रामीण महिलाएं खेतों में काचरा बीनते नजर आ रही हैं। सूखी और हरी सब्जी के रूप में ग्रामीणों की पहली पसंद काचरा है । इन दिनों खरीफ की फसलों की कटाई के बाद खेतों में ग्रामीण महिलाएं काचरा बीनते हुए नजर आ रही हैं। इसका महिलाएं पूरे साल भर का स्टॉक करती हैं और सूखे हुए काचरा को वर्ष के अन्य महीनों में सब्जी के रूप में काम में लेती हैं। इन दिनों कई लोग सूखी सब्जियां राज्य के बाहर ले जाने का धंधा भी कर रहे हैं ,जिन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है । इतिहासकारों के अनुसार लगभग २०० साल पहले अंग्रेज अधिकारी कर्नल टॉड ने पश्चिमी राजस्थान की यात्रा की। उसने इसके बारे में लिखा कि पश्चिमी राजस्थान के नागौर सहित कई जिलों में अथाह वनस्पति और केर, सांगरी ,कुमठा सहित सूखी सब्जियों के भंडार हैं। इसी वनस्पति का प्रभाव यहां की संस्कृति और समाज पर भी हैं। इसीलिए वर्षों बीत जाने के बाद भी आज भी महिलाएं सूखी सब्जियों का स्टॉक करने में ज्यादा प्राथमिकता देती हैं। कृषि पर्यवेक्षक अनिलकुमार वर्मा ने बताया काचरा की एक कुदरती बेल होती है जो अपने आप हर वर्ष खेतों में उगती रहती है। चौमासा के ४ महीनों में ज्यादातर किसान ग्वारफली, टींडसी, मतीरा, काचरा,चवलाफली सहित खेतों में उगने वाली अन्य सब्जियां का ही उपयोग करते हैं । वहीं इस वक्त काचरा इक_ा करके महिलाएं इन को छीलकर या काट कर ठंडी छायादार जगह पर सूखा देती है या फिर धागे में पिरोकर खूंटी में टांग देती है, सूखने के बाद यह महिलाएं सूखी सब्जी के रूप में काम में लेती हैं। रूण के बालाराम सेन ,रामदेव सेन, ओंकारसिंह राजपुरोहित ने बताया तमिलनाडु में यह काचरा सूखा हुआ लगभग ५०० रुपए किलो तक बिकता है । इसी प्रकार काचरा की सब्जी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है । इस सब्जी के सेवन से पेट की तमाम बीमारियों को दूर करने के साथ-साथ पाचन प्रक्रिया मजबूत करती हैं । विशेषकर कब्जी की शिकायत दूर हो जाती है । हिलोडी गांव की महिला सीतादेवी जांगिड़ ,रामकवरी खुडख़ुडय़िा, परमा देवी, बिरजू देवी ने बताया महिलाएं महंगे भाव में अमचूर नहीं खरीद कर सब्जी में खटाई देने के लिए ज्यादातर सूखा काचरा का उपयोग करती हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो