शहर को जितनी जरूरत है उतना पानी नहीं मिल रहा। पानी कम मिलने से शहर में जलसंकट छाया हुआ है। बताया जा रहा है कि नहरी परियोजना से कम मात्रा में जलापूर्ति हो रही है। शहर के पानी पर कटौती का डंडा चलने से लोग मुसीबत झेल रहे हैं। दूसरी ओर कटौती का कारण बताने को भी कोई तैयार नहीं है।
मोटे तौर पर शहर को लगभग उन्नीस से बीस एमएलटी पानी चाहिए। प्रतिदिन इतना पानी मिल जाए तो एकांतरे या दो दिन में एक बार आपूर्ति मिल सकती है। इस दौरान लोगों को अपना काम चलाने लायक पानी मिल सकता है। लेकिन, पिछले कुछ समय से आपूर्ति का आंकड़ा 14 से 15 एमएलटी पर अटका हुआ है। कम मात्रा में पानी मिलने से शहर की आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ा चुकी है। जरूरत के लिहाज से जलापूर्ति यह इतनी कम मात्रा है कि किसी को पूरा नहीं पड़ रहा।
शहरवासी बताते हैं कि महज दस मिनट तक कम दबाव में जलापूर्ति हो रही है। इससे पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा। राठौड़ी कुआं, करणी कॉलोनी, दर्जी कॉलोनी, शारदापुरम, त्यागी कॉलोनी में गत दो माह से दस मिनट ही पानी मिल रहा है। लोहारपुरा मोहल्ले में भी जलसंकट बना हुआ है। बालवा रोड हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में चार-चार दिन में एक बार पानी आ रहा है। सुबह दस-ग्यारह बजे आपूर्ति होती है। उसमें भी समय का कोई निर्धारण नहीं है। ऐसे में लोगों को भारी समस्या हो रही है। काम-धंधे पर जाने वाले लोग पानी के इंतजार में बैठे रहते हैं। अमरसिंह कॉलोनी में जलापूर्ति नहीं होने से लोग टैंकरों से पानी मंगवाने को मजबूर है।
नहरी परियोजना से पानी कम मिल रहा है, जिससे जलापूर्ति में अवरोध आ रहा है। हम लोग प्रयास कर रहे हैं कि जल्द से जल्द समस्या समाधान हो सके। इसके लिए लगातार बात चल रही है।
– अब्दुल कलीम, अमृत योजना एइएन, नगर परिषद, नागौर