तीन स्तर पर होगी परीक्षाएं
समतुल्यता परीक्षा तीन स्तर पर होगी। सर्वप्रथम ‘ए’ स्तर की परीक्षा कक्षा तीन के समकक्ष होगी। इसे पास करने के बाद संबंधित अभ्यर्थी बी स्तर की परीक्षा में बैठ सकेंगे, जो कक्षा पांचवी के समतुल्य होगी। इसके बाद तीसरी सी स्तर की परीक्षा कक्षा आठवीं के लिए होगी। इसके बाद पढ़ाई जारी रखने वाले अभ्यर्थी किसी भी बोर्ड से नियमित या ओपन बोर्ड के माध्यम से दसवीं की परीक्षा दे सकेगा। ए एवं बी स्तर पर हिन्दी पर्यावरण, गणित, बेसिक कम्प्यूटर, व्यवसायिक शिक्षा सहित पांच विषयों एवं सी स्तर में पांच विषयों सहित विज्ञान विषय को अलग से जोड़ा गया है।
साक्षर भारत मिशन के तहत आयोजित की जाने वाली समतुल्यता परीक्षा के लिए नागौर जिले की 87 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इन ग्राम पंचायतों के लोक शिक्षा केन्द्र पर साक्षरता विभाग के ब्लॉक कोर्डिनेटर विश्व साक्षरता दिवस पर आयोजित परीक्षा में भाग लेकर साक्षर होने वाले नवसाक्षरों के शिक्षा का स्तर जांचकर तय करेंगे कि कौन नवसाक्षर किस स्तर की परीक्षा देने योग्य है। उसी के अनुसार उसका चयन किया जाएगा। इन अभ्यर्थियों को सेवानिवृत्त शिक्षक साक्षर बनाएंगे। जानकारी अनुसार ‘ए’ व ‘बी’ स्तर के लिए 125 रुपए व ‘सी’ स्तर के लिए 150 रुपए प्रति कालांश दिए जाएंगे। ‘ए’ स्तर के लिए 300, ‘बी’ के लिए 400 व ‘सी’ स्तर के लिए 500 घंटे का कोर्स होगा। जिसमें से सभी स्तर पर क्रमश 150, 200 व 250 घंटे अभ्यर्थी को घर पर पढऩा होगा, जबकि इतने की घंटे लोक शिक्षा केन्द्र पर पढ़ाया जाएगा।
87ग्राम पंचायतों से शुरुआत
समतुल्यता परीक्षा की शुरुआत नागौर जिले की 87 ग्राम पंचायतों से की गई है। इन ग्राम पंचायतों पर नवसाक्षर तीन स्तर पर परीक्षा देकर आठवीं पास कर सकेंगे।
रामनिवास रॉयल, जिला समन्वयक, साक्षरता एवं सतत कार्यालय, नागौर