पद्मश्री हिम्मताराम भाम्भू के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में कलक्टर ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव के चलते ओजोन परत में छेद हो गया है। यह परत प्रकृति में निवास करने वाली विभिन्न प्रजातियों के लिए संरक्षक मानी जाती है लेकिन इसमें छेद होना चिंता का विषय है। इस समस्या का निराकरण एक ही है और वो है धरती को अधिक से अधिक हरा-भरा रखना। इसके लिए अधिक से अधिक पौधरोपण करना होगा और इसी मुहिम के तहत गोगेलाव कंजर्वेशन रिजर्व में आज के दिन चिह्नित दो-तीन हैक्टेयर भूमि में करीब एक हजार पौधे लगाए जाएंगे। पौधरोपण के बाद इनकी देखभाल का काम वन विभाग मनरेगा के तहत मिलने वाली फंडिंग से करेगा। कलक्टर सोनी ने कहा कि अधिक से अधिक पौधरोपण और इनकी देखभाल करने के बाद यहां हरियाली बढ़ेगी और वन्यजीवों का सुरक्षित ठहराव होगा।
उप वन संरक्षक ज्ञानचंद ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस पर गोगेलाव कंजर्वेशन रिजर्व में निर्धारित किए गए क्षेत्र में एक हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें नीम, रोहिड़ा, खेजड़ी तथा कंरज के पौधे प्रमुखता से लगाए जाएंगे। आयोजित कार्यक्रम में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेहराम महिया, स्काउट गाइड के सीओ मो. अशफाक पंवार, सहायक वन संरक्षक सुनील गौड़, क्षेत्रीय वन अधिकारी रूपेन्द्र कुमार शर्मा, एनएचएम के डीपीएम राजीव सोनी, जिला आईईसी समन्वयक हेमन्त उज्जवल तथा स्काउट एवं गाइड की मीनाक्षी सहित वन विभाग के अधिकारी व कार्मिक तथा स्काउट एवं गाइड ने भी पौधे लगाए।