जिला क्षय निवारण केन्द्र के प्रभारी डॉ. श्रवण राव ने बताया कि प्रारम्भिक तौर पर कुछ संचालकों को नोटिस दिया है, फिर भी यदि सूचना नहीं दी जाती है तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
केन्द्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार यदि कोई हॉस्पिटल, फार्मेसी, केमिस्ट या अन्य दवा विक्रेता टीबी रोगी की सूचना विभाग को नहीं देता है, ग्रामीण या शहरी क्षेत्र के स्वास्थ्य कार्मिक क्षय रोगी की सूचना मिलने के बावजूद कार्रवाई नहीं करते हैं तो सम्बन्धित के खिलाफ आईपीसी की धारा 269 व 270 के उपबंधों के तहत कार्रवाई की जा सकेगी। इसमें छह महीने से दो साल तक की सजा या जुर्माना अथवा दोनों की सजा हो सकती है।
टीबी रोग का शीघ्र निदान एवं पूर्ण उपचार, निवारण व नियंत्रण आवश्यक है। यही वजह है कि अब मेडिकल, लैब व हॉस्पिटल संचालक जिला क्षय रोग अधिकारी या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्धारित प्रपत्र में रिपोर्ट देने के लिए पाबंद हैं। यही नहीं जब टीबी मरीज कोई दवा लेने आता है तो उसकी पर्ची की छायाप्रति के साथ आधार कार्ड की प्रति रखने के लिए निर्देशित किया गया है।