नागौरPublished: Aug 17, 2018 12:35:30 pm
Sharad Shukla
नागौर.जिले में साठ से ज्यादा राजकीय शिक्षण संस्थानों के शिक्षक आए ड्रेस कोड में
Directorate’s rebuke on the difference in the demand for free books
नागौर. स्वाधीनता दिवस पर जिले के साठ से ज्यादा राजकीय शिक्षण संस्थानों के संस्था प्रधान व शिक्षकों ने पहली बार डे्रस कोड में बदलाव की शपथ ली। विद्यालय में बेहतर शैक्षिक वातावरण बनाने के साथ नियमित ड्रेस कोड में आने और 10 सूत्रों की पालन करने का संकल्प लिया। संस्था प्रधानों ने इस मौके पर उद्बोधन में कहा कि क्रांतिकारियों के बलिदान को याद करने के साथ ही राजकीय शिक्षण संस्थान को निजी से बेहतर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। विद्यालयों में ड्रेस कोड में गुरुजनों के आने के बाद पूरा वातावरण बदला-बदला सा नजर आया। जिले के राजकीय शिक्षण संस्थानों में डावोली के 17, जाखेड़ा के चार, जालनियासर के पांच, बरनेल के चार, छापड़ा के नौ एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चाऊ पीईईओ क्षेत्र के 12 विद्यालयों सहित इंदोकियावास, तरनाऊ, एवं खजवाना आदि के संस्था प्रधानों व शिक्षकों ने शैक्षिक इतिहास में पहली बार ड्रेस कोड में शपथ ली। हालांकि राजस्थान पत्रिका व जिला प्रशासन की ओर से संयुक्त रूप से चले इस अभियान की शुरुआत जिले कि निकटवर्ती राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय देरू से हुई थी। जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने इसका शुभारंभ किया था। अब इसका असर जिले भर के शिक्षण संस्थानों में नजर आने लगा
राजनीति नहीं, शैक्षिक हित पहली प्राथमिकता
स्वाधीनता दिवस पर आजादी के इतिहास की चर्चा के साथ ही संस्था प्रधानों व शिक्षकों ने कहा कि प्रदेश के शैक्षिक इतिहास में यह पहला मौका है जब राजकीय शिक्षण संस्थानों के संस्था प्रधान व शिक्षकों ने ड्रेस कोड में स्वाधीनता दिवस मनाया। हम लोग उन संस्था प्रधानों व शिक्षकों की फेरहिस्त में शामिल हो चुके हैं, जिन्होंने शैक्षिक क्षेत्र के बदलाव के लिए ड्रेस कोड में शपथ ली। हालांकि मॉडल स्कूलों में यह पहले से प्रावधान है, लेकिन अन्य राजकीय शिक्षण संस्थानों में स्वैच्छिक रूप से ड्रेस कोड सहित बदलाव के दस सूत्रों की पालना करने के लिए इतिहास में अग्रिम मोर्चे के स्कूलों की पंक्ति में शामिल हो चुके हैं। राजस्थान पत्रिका एवं जिला प्रशासन ओर से चल रही इस मुहिम का सकारात्मक परिणाम भी सामने आया है।