डीडवाना के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल राजेंद्र सिंह जोधा ने बताया कि शहीदों की स्मृति में सरकारी स्कूलों के नामकरण संबंधी वर्षों से लंबित प्रकरणों का निस्तारण जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के प्रयासों से हुआ है। शहादत को नमन मुहिम के तहत जिले में अब तक कुल 65 सरकारी विद्यालयों व सरकारी संस्थान का नामकरण शहीदों की स्मृति में करवाया जा चुका है, जिनमें से 30 जिला सैनिक कल्याण अधिकारी नागौर व 35 जिला सैनिक कल्याण अधिकारी डीडवाना, कार्यालय के कार्य क्षेत्र में आते हैं।
कर्नल जोधा ने बताया कि शिक्षा (ग्रुप-6) विभाग के शासन उप सचिव ने नागौर जिले के वीर सपूत शहीद अजीम खान की शहादत की स्मृति में सरकारी स्कूल के नामकरण की स्वीकृति जारी कर दी है। इसे लेकर उन्होंने माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक व नागौर के जिला कलक्टर कार्यालय को इस आशय के स्वीकृति पत्र जारी कर दिए हैं।
कर्नल जोधा ने बताया कि शहीद अजीम खान की स्मृति में लाडनूं शहर के राजकीय माध्यमिक विद्यालय नं 2 का नामकरण करने की स्वीकृति शिक्षा विभाग (गु्रप-6) के शासन उप सचिव मो. सलीम खान ने जारी की है। अपने पूर्वज की शहादत पर उनकी स्मृति में सरकारी स्कूल का नामकरण किए जाने की स्वीकृति मिलने पर शहीदों के परिजनों ने भी जिला कलक्टर का आभार व्यक्त किया है।
कर्नल जोधा ने बताया कि शिक्षा (ग्रुप-6) विभाग के शासन उप सचिव ने नागौर जिले के वीर सपूत शहीद अजीम खान की शहादत की स्मृति में सरकारी स्कूल के नामकरण की स्वीकृति जारी कर दी है। इसे लेकर उन्होंने माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक व नागौर के जिला कलक्टर कार्यालय को इस आशय के स्वीकृति पत्र जारी कर दिए हैं।
कर्नल जोधा ने बताया कि शहीद अजीम खान की स्मृति में लाडनूं शहर के राजकीय माध्यमिक विद्यालय नं 2 का नामकरण करने की स्वीकृति शिक्षा विभाग (गु्रप-6) के शासन उप सचिव मो. सलीम खान ने जारी की है। अपने पूर्वज की शहादत पर उनकी स्मृति में सरकारी स्कूल का नामकरण किए जाने की स्वीकृति मिलने पर शहीदों के परिजनों ने भी जिला कलक्टर का आभार व्यक्त किया है।
1971 के भारत-पाक युद्ध में दी शहादत
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल जोधा ने बताया कि लाडनूं के वीर सपूत अजीम खान ने वर्ष 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध के दौरान सीमा की रक्षा करते हुए मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की शहादत दी थी।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल जोधा ने बताया कि लाडनूं के वीर सपूत अजीम खान ने वर्ष 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध के दौरान सीमा की रक्षा करते हुए मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की शहादत दी थी।