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खानापूर्ति के दावों के बीच रात में गुजरते बजरी लदे वाहन

locationनागौरPublished: Sep 04, 2021 10:29:17 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur. कथित रूप से प्रशासनिक मिलीभगत के चलते जिले में बढ़ा अवैध बजरी खनन

Gravel laden vehicles passing in the night amid claims of Khanapurti

Gravel laden vehicles passing in the night amid claims of Khanapurti

नागौर. जिले में अवैध बजरी खनन पर रोक के लिए लिए दो से चार डंपर पकड़े जाने की जहां खानापूर्ति करने में अधिकारी लगे नजर आते हैं, वहीं रात्रि में बजरी लदे ओवरलोडेड वाहन अभी बेखौँफ होकर सडक़ों पर दौड़ रहे हैं। इलाका चाहे नागौर का हो या फिर गोटन एमई क्षेत्र का! सभी जगहों पर स्थिति वही है। विशेषकर रात्रि में इनके खिलाफ कार्रवाई कर रोकने की न तो कोई ठोस योजना है, और न ही कार्रवाइयों का एक बेहतर आंकड़ा। जब ज्यादा शोर मचा तो कुछ डंपर पकड़ लिए गए, और हो गई कार्रवाई। हालांकि जिला कलक्टर के निर्देश पर गत दिवस गई एसआईटी टीम ने भी अवैध खनन क्षेत्र का दौरा किया, लेकिन यह टीम भी कीरों की ढाणी गई तो बंद लीज के पास। यहीं से देखकर लौट गई। एसआइटी टीम के सदस्यों ने कीरों की ढाणी क्षेत्र से महज चंद दूरी पर नदी क्षेत्र में अवैध खनन की स्थिति देखने के लिए जाने की जहमत तक नहीं उठाई। शुक्रवार की रात्रि गोटन एरिया में खनन की पड़ताल करने पहुंचे तो मौके पर आनलियावास, झिंटिया आदि नाकों से बजरी से ओवरलोडेड गाडिय़ों की धमक सडक़ों पर गूंजती नजर आई। स्थिति यह रही कि महज 20 मिनट के अंदर ही केवल आनलियावास नाके से ही 16 गाडिय़ां बजरी लदी ओवरलोडेड गुजर गई। इस दौरान यहां पर इनकी जांच करने एवं रोकने के लिए मौके पर जिम्मेदारों में कोई विभाग नजर नहीं आया। यही स्थिति झिंटिया में नजर आई। महत्वपूर्ण नाकों में रात्रि की निगाहबानी के यह हाल देखकर दो दिन पहले कीरो की ढाणी में पहुंची एसआईटी टीम की खानापूर्ति की स्थिति खुद-ब-खुद खुलती नजर आई।
प्रदेश में अवैध बजरी खनन को रोकने के लिए खनिज विभाग ने एलओआई होल्डर के सहयोग से नाके खोलने के आदेश छह जुलाई को किए थे। इसके तहत जिले में भी विभिन्न स्थानों पर नाके लगाए गए। इसके लगाए जाने के बाद खनिज विभाग के अधिकारियों—कर्मचारियों की लापरवाही या कचित रूप से मिलीभगत के चलते नाकों के सामने से रोजाना सैंकड़ों की संख्या में अवैध बजरी से भरे वाहन निकल रहे है। कारण सिर्फ इतना सा है कि खनिज विभाग की ओर से अभी भी इन नाकों पर कर्मचारियों और बॉर्डर होमगार्ड की नियुक्ति नहीं की गई है। इसकी राजस्थान पत्रिका की ओर से पड़ताल की गई तो चौंकाने वाले नजारे सामने आए। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों ने कर्मचारियों के अस्वस्थ होने के चलते कार्य प्रभावित होने की बात तो मानी, लेकिन इनका कहना है कि अवैध बजरी खनन से जुड़े सभी मामलों पर विभाग की ओर से हरसंभव कार्रवाई किए जाने का काम किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों के दावों के बाद भी हकीकत स्थिति बेहद ही विकट पाई गई।
आंखें बंद कर बैठा है परिवहन विभाग
नागौर की सडक़ों पर भी अलसुबह व रात्रि में सैकड़ों डम्पर और ट्रक बिना नंबर प्लेट के अवैध रूप से बजरी लदे ओवरलोडेड वाहन गुजरते हुए नजर आ जाते हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए न तो परिवहन विभाग के अधिकारी नजर आते हैं, और नही खनिज विभाग के अधिकारी। इन अधिकारियों से बातचीत करने पर बताया जाता है कि वह तो लगातार कार्रवाइयां कर रहे हैं, लेकिन कहां पर यह तो केवल उनके कागजी आंकड़ों में रहते हैं। स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले महज पंद्रह दिनों के अंतराल में इनकी कार्रवाइयां शहरी क्षेत्र में औसत से भी कमतर रही हैं। पूछे जाने पर जवाब यही मिलता है कि कार्रवाइयां तो हो रही है। इस संबंध में गोटन एमई जयप्रकाश गोदारा से बातचीत करने का प्रयास किया गया तो इस पूरे प्रकरण पर बातचीत करने से बचते रहे।
नागौर की सडक़ों पर रोजना सैकड़ों डम्पर और ट्रक बिना नंबर प्लेट के अवैध रूप से दौड़ते नजर आते है,लेकिन परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को ये नजर नहीं आते है। कार्रवाइयों के नाम पर केवल खानापूर्ति कर दी जाती है। यही वजह है कि की नदी और खनन क्षेत्र से मुख्य सडक़ों के हाल बेहाल है। यहीं,नहीं इन अवैध रूप से लदे ओवरलोडेड वाहनों की जांच में शिथिलता बरतने के कारण स्थिति विकट होने लगी है।
इनका कहना है…
पिछले पंद्रह दिनों में ही अवैध रूप से खनन व ओवरलोडेड वाहनों पर कई कार्रवाइयां की गई है। इसके खिलाफ विभाग की ओर से अलग से टीम बनाकर भी कार्रवाइयां की जा रही है। इससे काफी हद तक ऐसे तत्वों पर विभाग की कार्रवाइयों से अंकुश भी लगा है।
धीरज पंवार, सहायक खनि अभियंता, खनिज विभाग नागौर
अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाइयां विभाग की ओर से तेजी से की जा रही है। कइयों पर जुर्माना आदि लगाए जाने के साथ ही इसको रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
जयप्रकाश गुरुबक्शानी एसएमई खनिज विभाग अजमेर

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