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ग्रेटर फ्लेमिंगो को रास आई सांभर झील, प्रवास के साथ प्रजनन के लिए बनाया बसेरा

locationनागौरPublished: Nov 30, 2021 08:13:27 pm

Submitted by:

Ravindra Mishra

जितेन्द्र सिंह चौहान
नावां शहर (nagaur). सांभर झील से पच्चीस वर्षों बाद कोई खुशखबरी आई है। प्रवासी पक्षी फ्ैलमिंगो को इस बार राजस्थान विशेषकर सांभर झील खूब रास आ रही है। ये सुंदर पक्षी हमारे यहां प्रवास करने प्रत्येक वर्ष सुदूर देशों से आते हैं। लेकिन इस बार इन पक्षियों ने प्रवास के साथ-साथ प्रजनन के लिए भी साम्भर झील को चुना है। पूर्व में सांभर झील में इनका प्रजनन वर्ष 1995 व 1996 में ही रिपोर्ट किया गया है।

 ग्रेटर फ्लेमिंगो को रास आई सांभर झील, प्रवास के साथ प्रजनन के लिए बनाया बसेरा, ग्रेटर फ्लेमिंगो को रास आई सांभर झील, प्रवास के साथ प्रजनन के लिए बनाया बसेरा

सांभर झील क्षेत्र में ग्रेटर फलेमिंगो द्वारा दिल के आकार में फुड शेयर करते हुए ।, सांभर झील क्षेत्र में ग्रेटर फलेमिंगो का प्रजनन के बाद मिला अंडा ।

देश में कच्छ के बाद सांभर झील में दे रहे अंडे, नर व मादा मिलकर बना रहे घोंसला

यूरोप व दक्षिणी एशिया में पाए जाने वाले फ्लेमिंगो अब यहां जन्म लेकर बढ़ाएंगे झील की सुंदरता
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भारत में फ्लैमिंगो मुख्य रूप से गुजरात के कच्छ के रण में ही प्रजनन करते हैं। पक्षी तथा परिस्थितिकी विशेषज्ञों के लिए यह अत्यंत उत्साहजनक अवसर है। ये नर व मादा पक्षी उतरते पानी की नमभूमि में कटोरे समान घोंसले बनाते हैं। ये घोंसले हजारों की संख्या में हो सकते हैं। मादा एक घोंसले में सामान्यतया एक ही अंडा देती है। जो लगभग 110 – 145 ग्राम वजऩी होता है। अंडों से बच्चे 27-30 दिनों के भीतर बाहर आ जाते हैं। गौरतलब है कि गत वर्ष 2020 में गुजरात में राजकोट के एसीएफ एचजे ठक्कर एवं राष्ट्रीय आद्रभूमि समिति के अध्ययन के अनुसार राजकोट में प्रजनन हुआ है। जिसको लेकर वहां का प्रसाशन उस क्षेत्र को फ्लेमिंगो सिटी कहने लगा है। कच्छ के रण के बाहर एकमात्र प्रजनन स्थल देखा गया है। लेकिन इस वर्ष ये पक्षी हमारे प्रदेश की सांभर झील में भी प्रजनन कर रहे हैं। यह अत्यंत सुखदायी प्राकृतिक घटना है।
फ्लेमिंगो की अठखेलियों से खिलखिलाती है झील

ग्रेटर फ्लेमिंगो एक टांग पर खड़े रहना व फूड शेयर करने की अदा के साथ लाल टांगे, लाल चोंच से अठखेलियां पक्षी प्रेमियों को लुभा रही है। जिससे कई पक्षी प्रेमियों ने झील के बेक वाटर में जाकर इस खूबसूरत पक्षी की अठखेलियों को निहारा है।
यहां पाया जाता है ग्रेटर फ्लेमिंगो

लंबी गर्दन, लाल टांगे, चोंच वाले इस खूबसूरत पक्षी को राजहंस भी कहा जाता है। राजहंस परिवार की सबसे व्यापक और सबसे बड़ी प्रजाति है। यह अफ्रिका, भारतीय उपमहाद्वीप, मध्य पूर्व और दक्षिणी यूरोप में पाया जाता है। ग्रेटर फ्लेमिंगो का मूल ठिकाना यूं तो अफ्रिका व यूरोपीय देशों के साथ ही दक्षिण एशिया में है, लेकिन सर्दियों में भारत के कुछ भागों से अन्य स्थानों पर प्रवास करता है।
इनका कहना
सांभर झील से करीबन 25 साल बाद यह खुशखबरी मिली है। इसको देखने के बाद मन को शांति व झील की सुंदरता का ख्याल रहा। झील के गुढ़ा साल्ट व शाकंभरी माता मंदिर के नजदीक 1996-96 के बाद प्रजनन हो रहा है। हमने अंडों व घोंसले का भी निरीक्षण किया है। पूरे प्रदेश के लिए खुशखबरी है। प्रशासन इसको लेकर उचित उपाय करना चाहिए।
आबिद अली, पक्षी विशेषज्ञ

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