भारत में फ्लैमिंगो मुख्य रूप से गुजरात के कच्छ के रण में ही प्रजनन करते हैं। पक्षी तथा परिस्थितिकी विशेषज्ञों के लिए यह अत्यंत उत्साहजनक अवसर है। ये नर व मादा पक्षी उतरते पानी की नमभूमि में कटोरे समान घोंसले बनाते हैं। ये घोंसले हजारों की संख्या में हो सकते हैं। मादा एक घोंसले में सामान्यतया एक ही अंडा देती है। जो लगभग 110 – 145 ग्राम वजऩी होता है। अंडों से बच्चे 27-30 दिनों के भीतर बाहर आ जाते हैं। गौरतलब है कि गत वर्ष 2020 में गुजरात में राजकोट के एसीएफ एचजे ठक्कर एवं राष्ट्रीय आद्रभूमि समिति के अध्ययन के अनुसार राजकोट में प्रजनन हुआ है। जिसको लेकर वहां का प्रसाशन उस क्षेत्र को फ्लेमिंगो सिटी कहने लगा है। कच्छ के रण के बाहर एकमात्र प्रजनन स्थल देखा गया है। लेकिन इस वर्ष ये पक्षी हमारे प्रदेश की सांभर झील में भी प्रजनन कर रहे हैं। यह अत्यंत सुखदायी प्राकृतिक घटना है।
सांभर झील से करीबन 25 साल बाद यह खुशखबरी मिली है। इसको देखने के बाद मन को शांति व झील की सुंदरता का ख्याल रहा। झील के गुढ़ा साल्ट व शाकंभरी माता मंदिर के नजदीक 1996-96 के बाद प्रजनन हो रहा है। हमने अंडों व घोंसले का भी निरीक्षण किया है। पूरे प्रदेश के लिए खुशखबरी है। प्रशासन इसको लेकर उचित उपाय करना चाहिए।