इतने किसानों की मेहनत पर फिरा पानी: एक नजर इन आंकड़ों
ब्लॉक शिकायत संख्या इतने किसानों का हुआ सर्वे इतने किसानों का होना है सर्वे
डेगाना 410 191 219
डीडवाना 228 33 195
जायल 773 50 723
खींवसर 1364 720 644
कुचामनसिटी 713 151 562
लाडनू 126 20 106
मकराना 1360 97 1263
मेड़ता 4039 2582 1457
मूण्डवा 1878 1202 676
नागौर 878 104 774
नावां 555 81 474
परबतसर 369 112 257
रियाबड़ी 2617 1547 1070
सांजू 229 87 142
कुल मिलाकर जिले में अब तक 15539 काश्तकारों ने फसल खराबा के लिए टोल फ्री नंबरों पर फोन किया था। इनमें से 6977 काश्तकारों के खेतों में सर्वे किया जा चुका है। अभी आठ हजार 562 काश्तकारों के यहां खराबा का सर्वे किया जाना है। कृषि विभाग के अनुसार यह पूरी तरह से अधिकारिक आंकड़ा है। कुल मिलाकर यथासमय बारिश नहीं होने एवं खराब चली हवाओं ने काश्तकारों की फसलों के साथ ही आर्थिक चोट भी पहुंचाई। किसानों का कहना है कि लागत के हिसाब से फसल का मुआवजा कभी नहीं मिल पाता है।
किसान कहिन…
बुवाई के दौरान ज्यादा बरसात की स्थिति में इस बार पैसा भी ज्यादा लगा। जैसे-तैसे कर बुवाई की। फसल लहलहाने लगी तो पहले समय पर बरसात नहीं आई। इसके बाद अब बारिश आई तो इसका कोई फायदा नहीं, बल्कि नुकसान ही हुआ है।
नैनाराम घोसलिया, किसान इंदास
खराब हवाओं के चलने के साथ ही असमय हुई बरसात ने तो पूरी कमर ही तोडकऱ रख दी। पूरे 30 बीघा में मूंग की बुवाई की थी। हजारों रुपए का नुकसान हो गया। इस बार बेहद अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन मौसम की बेरुखी ने पूरी मेहनत पर ही पानी फेर दिया।
जाकिर हुसैन, काश्तकार, बासनी
बारिश होने के 72 घंटे में दें खराबा की सूचना
कृषि विभाग के अनुसार फसल खराबा की स्थिति में काश्तकारा 72 घंटे में फसल बीमा कंपनी को टोल फ्री नंबर 18001024088 पर फोन कर सकते हैं। फोन नहीं लगने की स्थिति में वह बीमा कंपनी के तहसील स्तरीय कार्यालय भी जा जाकर खराब की सूचना दे सकते हैं। फिर भी शिकायत दर्ज नहीं होती है तो निकटतम कृषि कार्यालय में इसकी जानकारी दे सकते हैं।
इनका कहना है…
फसल खराबा की स्थिति की जानकारी के लिए काश्तकार संबंधित बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों को 72 घंटे में जानकारी दे सकते हैंं। कई जगहों से खराबा की जानकारी मिली है। इसका सर्वे भी संबंधित बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों की ओर से कराया जा रहा है। अब तक पंद्रह हजार से ज्यादा काश्तकार अपनी शिकायतें दर्ज करा चुके हैं। सभी की जांच प्रावधान के तहत कराई जाएगी।
हरीश मेहरा, उपनिदेशक कृषि विस्तार
नागौर. निकटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में इंदास आदि में यह हैं अन्नदाताओं की मेहनत का हाल
नागौर. निकटवर्ती गांवों में खेतों मे बिखरी उपज बता रहे हाल