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इस बार दिवाली की मिठास में रहेगी कड़बाहट, जानिए क्यूं..

locationनागौरPublished: Oct 08, 2017 12:17:47 pm

Submitted by:

Devendra Singh

चॉकलेट को 28 फीसदी टैक्स स्लेब में डाला गया है..

GSTs sour heavy on the sweetness of Diwali

GSTs sour heavy on the sweetness of Diwali

नागौर. मिठाई दुहाई मांग रही है। जीएसटी की खटास से दिवाली के त्योहार की मिठास फीकी दिखाई दे रही है। अच्छी बिक्री का सपना संजोने वाले दुकानदारों के चेहरे की ‘रौनक’ गायब हो गई है। जीएसटी की मार के चलते मिठाई के दामों में हुई बढ़ोतरी ने उम्मीदों पर ‘रोलर’ चला दिया है। दीपोत्सव की तैयारियों को लेकर जहां लोगों में एक ओर उत्साह देखने को मिल रहा है वहीं इस बार त्योहारी सीजन में खरीदी जाने वाली मिठाइयों के स्वाद में जीएसटी की मार से कड़वाहट देखने को मिलने लगी है। जीएसटी से मिठाई ही नहीं अन्य खाद्य पदार्थों के स्वाद पर भी काफी असर पड़ेगा। त्योहारी पर्व की शुरूआत होते ही मिठाई के दामों में 100 से 150 रुपए प्रति किलोग्राम का इजाफा देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं कई बड़ी दुकानों पर तो इन्हीं मिठाइयों कीमत और अधिक हैं।
कम होगी खरीदारी : त्योहारी सीजन को देखते हुए मिठाई विक्रेताओं ने तैयारियां पूरी कर ली है। दीपोत्सव पर्व के लिए खरीदी जाने वाली मिठाइयों को लेकर जब शहर के मिठाई विक्रेताओं ने बात की तो उन्होंने बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस बार मिठाई की खरीदारी कम होगी। जीएसटी की मार इस बार मिठाइयों सहित अन्य खाद्य पदार्थों पर देखने को मिलने लगी है। गांधी चौक स्थित कृष्णा स्वीट्स होम के संचालक कमल किशोर ने बताया कि काजू-कतली गत वर्ष 500 से 550 रुपए प्रति किलोग्राम तक बेची गई थी। इस बार काजू कतली के दाम 600 से 650 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुके हैं। उन्होंने बताया कि यदि माधुरी की बात करें तो गत वर्ष की तुलना में इस बार 70 से 120 रुपए प्रति किलो की कीमत बढ़ा दी गई है।
चॉकलेट को 28 फीसदी टैक्स स्लेब में डाला गया है

जानकारों का कहना है कि जीएसटी स्लेब में मिठाइयों को पांच, नमकीन को १२ फीसदी एवं कोको निर्मित खाद्य पदार्थ व चॉकलेट को 28 फीसदी टैक्स स्लेब में डाला गया है। ऐसे में मिठाइयों के साथ प्रोडक्ट के दामों में इजाफा होना तय है। जबकि बाजार में डिब्बा बंद मिठाई एवं ड्राई फ्रूट के भावों में भी तेजी आई है। वहीं मिठाई विक्रेताओं का कहना है कि घरेलू उत्पाद पर तो फिर पिछले वर्ष की तुलना में कुछ फर्क पड़ा है जबकि फैक्ट्री मेड प्रोडक्ट और चॉकलेट सरीखे उत्पादों के दामों में काफी इजाफा हुआ है। मिठाइयों में उपयोग आने वाले कुछ पदार्थ ऐसे भी हैं जो अधिक टैक्स स्लेब में आते हैं, जिस कारण मिठाई बनाने में अधिक खर्च आ रहा है। इसलिए मिठाइयों के दामों में बढ़ोतरी हुई है।
मिठाई गत वर्ष अब
काजू-कतली 500-550 600-650
माधुरी 300-320 360-400
गुलाब जामुन 220-250 300-350
रसगुल्ला 120-150 150-200
पंचमेवा 600-650 700-750
मारवाड़ी पेठा 250-300 350-400

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