नागौरPublished: Aug 27, 2018 12:04:34 pm
Sharad Shukla
निदेशालय ने मांगी आईसीटीसी लैब की स्थिति की रिपोर्ट, कम्प्यूटर या फिर इसका कोई भी उपकरण चोरी हुआ तो संस्था प्रधानों की होगी जिम्मेदारी
Guruji now got the responsibility of guarding computers
नागौर. राजकीय शिक्षण संस्थानों में आईसीटीसी योजना के तहत बने कम्प्यूटर लैब में से इसके उपकरण या फिर इससे संबंधित किसी भी सामान के गायब होने पर अब लापरवाही संस्था प्रधानों को भारी पड़ जाएगी। इस संबंध में निदेशालय की ओर से शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके साथ ही आईसीटीसी लैब की समग्र रिपोर्ट भी मांगी गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार आईसीटीसी प्रथम व द्वितीय चरण में योजना की अवधि समाप्त होने के बाद अब सेवाप्रदाता की ओर से कम्प्यूटर लैब विद्यालयों को हस्तांतरित किए जा चुके हैं। इसकी सुरक्षा के लिए बीमा भी विद्यालय स्तर पर छात्र विकास कोष एवं अन्य बचत राशि से बीमा संस्था प्रधानों की ओर से कराया जाएगा। इसके अलावा तीसरे एवं पांचवें चरण के लिए फिलहाल बीमा सेवाप्रदाता कंपनी की ओर से कराया जा चुका है। इनके भी उपकरण या फिर लैब से संबंधित किसी भी प्रकार की सामाग्री चोरी होती है तो फिर संस्था प्रधान को पहले प्राथमिक सूचना रिपोर्ट संबंधित थाने में दर्ज करानी पड़ेगी। फिर संबंधित कंपनी को जानकारी दी जाएगी। चौथे चरण के कम्प्यूटर लैब सुरक्षा के लिए भी बीमा विद्यालय स्तर पर संस्था प्रधान की ओर से कराया जाएगा। इसके लिए आईसीटीसी के लिए जिला कार्यालय को आवंटित राशि का उपयोग किया जा सकेगा। इस आशय के निर्देश माध्यमिक जिला शिक्षाधिकारियों, जिला परियोजना समन्वयकों व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षाभियान को जारी कर दिए
गए हैं।
जिला शिक्षाधिकारी से मांगी रिपोर्ट
निदेशालय ने इसके साथ ही जिलों में स्थापित आईसीटीसी लैब की समग्र रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। कहा गया कि इसमें लैब के साथ ही डिजिटल कक्षाओं की स्थिति की भी रिपोर्ट भेजनी पड़ेगी। उल्लेखनीय है कि जिले में 379 विद्यालयों को इसके लिए फिलहाल चयन किया गया था। चयन होने के बाद भी संस्था प्रधानों की ओर से कोई विशेष प्रयास इस दिशा में नहीं किए गए। इसकी वजह से इन विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब स्थापित नहीं हो सके। इस संबंध में भी पूरी जानकारी भेजने के लिए कहा गया है।
इनका कहना
&निदेशालय से आईसीटीसी लैब के संदर्भ में मिले निर्देशों से संस्था प्रधानों को अवगत कराने के साथ ही पूरी लैब की स्थिति पर भी रिपोर्ट मांगी गई है।
रामदेव पूनिया, एडीपीसी रमसा नागौर