इधर, उसकी तलाश चल ही रही थी कि हर नारायण ने एक मेल में तीन दिन की सीएल मांगी है। इसमें घरेलू कार्य का हवाला दिया है। अग्रिम जमानत अथवा नगर परिषद के किसी कार्रवाई से बचने के लिए संभवतया उसने ऐसा किया।
तीन अन्य का भी दलाल था गुलामुद्दीनसूत्रों का कहना है कि गुलामुद्दीन अकेले हर नारायण के लिए ही काम नहीं करता था। प्रारंभिक पूछताछ में ही उसके तीन अन्य के लिए भी काम करने की जानकारी मिली थी। ट्रेप की कार्रवाई एसीबी केसीआई मोहनसिंह ने की थी, मामला दर्ज हो ही गया, लेकिन नया आईओ नियुक्त होने के बाद ही पड़ताल आगे बढ़ेगी।
लम्बे समय से एक ही काम... सूत्र बता रहे हैं कि नगर परिषद में अनुकम्पा पर नियुक्त या फिर संविदाकर्मियों की संख्या अच्छी खासी है। नियमों से परे भी कई संविदाकर्मी महत्वपूर्ण काम/पद संभाल रहे हैं। इसे लेकर भी समय-समय पर सवाल उठे हैं। यह भी सामने आया कि परिषद में कई सालों बाद तीन-चार महीने में ही ट्रेप के दो बड़े मामले सामने आए हैं।
इनका कहना नारायण ने घरेलू कारणों से तीन दिन की सीएल का मेल किया था, नियमों के हिसाब से उसकी स्वीकृति दे दी है। आगे भी नियम-कायदे के हिसाब से निर्णय लिए जाएंगे।
-श्रवणराम चौधरी, आयुक्त नगर परिषद नागौर ००००००००००००००००००००००००००००००० आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दी जा रही है। उसके मित्र/परिजनों के मोबाइल ट्रेस कर रहे हैं। जल्द ही गिरफ्तारी होगी। -मोहनसिंह, सीआई एसीबी
- हर नारायण का अतिरिक्त चार्ज जयसिंह को दिया गया है। जनता को किसी भी तरह की परेशानी न हो, काम को गति मिले और बेहतर संचालन हो, इसके लिए जहां जरुरत समझेंगे वहां बदलाव करेंगे।
-मीतू बोथरा, सभापति, नगर परिषद, नागौर