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चयन की स्वतंत्रता के साथ अस्वीकार का साहस भी रखें – धनखड़

locationनागौरPublished: Mar 09, 2021 10:09:21 am

Submitted by:

shyam choudhary

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मिर्धा कॉलेज में विचार गोष्ठी आयोजित

Have the courage to reject with freedom of selection - SP Dhankar

Have the courage to reject with freedom of selection – SP Dhankar

नागौर. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय के श्री बी.आर. मिर्धा राजकीय महाविद्यालय के सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना, युवा विकास केन्द्र, एन.सी.सी., एवं राज्य स्काउट गाइड के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय विचार गोष्ठी सहित विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
‘महिला जागरुकता एवं सशक्तीकरण’ विषयक सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए नागौर पुलिस अधीक्षक श्वेता धनखड़ ने ‘महिला दिवस’ की अवधारणा तथा उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने इस वर्ष के ‘चूज टू चैलेंज’ के ध्येय को स्पष्ट करते हुए मौजूदा परिवेश में विविध क्षेत्रों एवं संस्थाओं में महिलाओं की दमदार उपस्थिति को रेखांकित किया। चयन की स्वतंत्रता, अस्वीकार का साहस, आत्मविश्वास और क्षमता विकास को सशक्तीकरण का मूलाधार बताते हुए एसपी धनखड़ ने परिवार व समाज में नारी के सम्मान और अस्मिता की पहचान को भारतीय संस्कृति के उज्ज्वल पक्ष के रूप में निरूपित किया। उन्होंने व्यावसायिक क्षेत्र एवं सेवा कार्यों में नियोजित कामकाजी महिलाओं के साथ घरेलू जिम्मेदारियों को कुशलतापूर्वक निभाने वाली महिलाओं के सामाजिक योगदान को भी समान रूप से उपयोगी व प्रशंसनीय माना।
श्रोताओं के सवालों का जवाब देते हुए एसपी धनखड़ ने दूरदर्शन एवं अन्य जनसंचार के माध्यमों से जुडकऱ खबरों के एनालिसिस, जिज्ञासा की जागृति, तुलनात्मक समीक्षा एवं दृढ़ संकल्प शक्ति को सिविल सेवा में चयन के लिए उपयोगी बताया। भारत की प्रथम महिला आइपीएस अधिकारी किरण बेदी को अपना प्रेरणा स्रोत बतातेे हुए उन्होंने चण्डीगढ़ में अपने कॉलेज जीवन के प्रेरणादायी संस्करणों को विद्यार्थियों के साथ साझा किया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि सीमा जाखड़ एवं राजस्थान रोडवेज की डिपो मैंनेजर ऊषा चौधरी ने ‘महिला सशक्तीकरण’ की पश्चिमी अवधारणा को भारतीय संस्कृति से जोड़ते हुए शक्ति की आराधना के प्रतीक नवरात्र, गणगौर पूजन, शीतलाष्टमी आदि त्योहारों सहित प्रकृति के ममतामयी रूप को धरती माता, गंगा माता, गो माता के रूप में प्राणिमात्र के लिए कल्याणकारी बताया। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डॉ. शंकरलाल जाखड़ ने महिलाओं के प्रति बदलते सामाजिक दृष्टिकोण के सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलुओं को उजागर किया। मंच संचालन करत हुए प्रो. भूपेश बाजिया ने महिला दिवस आयोजन के इतिहास पर प्रकाश डाला। रोवर-रेंजर प्रभारी डॉ. सरोज चौधरी ने आत्मविश्वास और आत्मानुशासन को जरूरी बताया। महिला छात्रावास अधीक्षक निर्मला मांझू ने लैंगिक भेदभाव को देश के सर्वांगिण विकास में बाधक माना। छात्र मनोज लोथिया एवं गजराज कंवर ने ‘जेण्डर सेन्सेटाइजन’ से सम्बन्धित कविताओं का वाचन किया। कार्यक्रम में युवा विकास केन्द्र प्रभारी डॉ. हरसुख राम छरंग, एनएसएस के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मनीष जोशी एवं प्रो. पूर्णिमा झा, डॉ. एम.एस. राठौड़, प्रो. सुरेन्द्र कागट, डॉ. प्रकाश नारायण, प्रो. सुखराज पुनड़, प्रो. बी.पी. नवल, प्रो. सुलोचना शर्मा, प्रो. के.आर. महला, डॉ. विनिता मिर्धा, प्रो. गजानन्द शर्मा, प्रो. अविनाश व्यास, प्रो. अरविन्द गौड़ आदि संकाय सदस्यों सहित अनेक विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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