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नागौर

यहां तो ऐसे ही रहना होगा, मरीज को घर ले जाकर लगा लो कूलर

जिला हॉस्पिटल में 45 डिग्री तापमान में झुलस रहे मरीज, कलक्टर के निर्देश के बाद भी वार्डों में नहीं लगे कूलर

नागौरJun 11, 2018 / 06:32 pm

Sharad Shukla

Nagaur patrika

Here it is to be like this, take the patient home and put the cooler

नागौर. जेएलएन अस्पताल में मरीज 45 डिग्री तापमान की भीषण गर्मी में तड़पने को मजबूर है। ऑपरेशन वाले मरीजों के साथ बुजुर्गों एवं महिलाओं की हालत ज्यादा खराब है। परिजनों जब अस्पताल प्रशासन कूलर चलाने के लिए सम्पर्क करते है तो उनसे कह दिया जाता है, हम क्या करें, घर चले जाओ और कूलर लगा लो। यहां पर रहना है तो ऐसे ही रहना पड़ेगा। यह स्थिति तब है, जबकि जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने खुद तीन दिन पहले अस्पताल के निरीक्षण के दौरान पीएमओ को कूलर चलवाने के निर्देश दिए थे। जिला अस्पतला के हालात किसी कस्बाई चिकित्सालय से भी ज्यादा बदहास नजर आने लगे हैं। यहां मेडिकल के चार, सर्जरी के दो, गॉयनिक के चार एवं आर्थोपेडिक्स सहित बच्चों के वार्ड में हर समय लगभग करीब डेढ़ सौ रोगी भर्ती रहते हैं। भीषण गर्मी में पंखों से निकलती गर्म हवाओं के बीच जलते मरीज कूलर नहीं चलने से असहनीय पीड़ा सहने को मजबूर हैं। शुक्रवार को महिला वार्ड में जनाना गांव की गुड्डी देवी को उसके परिजनों ने भर्ती कराया। बच्चेदानी के ऑपरेशन के बाद उसे एहतियातन महिलाओं के वार्ड में भर्ती कर लिया गया। वार्ड में कूलर नहीं चलने से गुड्डी की पीड़ा और बढ़ गई। तबीयत बिगड़ती देखकर परिजन कैलाश ने वहां पर मौजूद चिकित्साकर्मियों से कूलर चलाने के लिए कहा तो उसे जवाब मिला कूलर नहीं चलेगा। कैलाश ने कारण पूछा तो बताया गया कि इसे संचालित करने वाले कर्मचारी अवकाश पर हैं। इसलिए कोई जानकारी भी नहीं मिल सकती। अन्य मरीजों ने भी चिकित्साकर्मियों से कूलर चलाने की व्यवस्था करने को कहा तो उन्हें टका सा जवाब दे दिया गया, यहां पर तो ऐसे ही रहना होगा। ज्यादा आराम चाहिए तो घर चले जाओ। इस संबंध में तीमारदारों ने अस्पताल के कार्यवाहक प्रमुख चिकित्साधिकारी डा. वी. के. खत्री से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो वे न तो अपने चेंबर में मिले, और न ही उनके बारे में कोई चिकित्साकर्मी बता पाया कि वह कहां मिलेंगे। ऐसे हालात में परेशान रोगियों की स्थिति विकट है।
कतराते रहे पीएमओ
अस्पताल के कार्यवाहक प्रमुख चिकित्साधिकारी डॉ. वी. के. खत्री से बात करने का प्रयास किया गया तो वह बात करने से कतराते रहे।

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