scriptसंरक्षण के अभाव में विरासत धूमिल | Heritage tarnished due to lack of protection | Patrika News

संरक्षण के अभाव में विरासत धूमिल

locationनागौरPublished: Feb 12, 2020 01:24:39 am

Submitted by:

Ravindra Mishra

रोल. कस्बे के पास छोटा सा गांव है खंवर। यहां के ठाकुरों व गारू एवं नाथ परिवार ने कभी गांव की सुंदरता के लिए कलात्मक छतरियों निर्माण करवाया था, लेकिन राजा महाराजाओं व ठाकुरों के जमाने की इन ऐतिहासिक विरासत की सार सम्भाल नहीं होने के कारण ये जर्जर होने के कारण अस्तित्व को खोने के कगार पर है।

   जर्जर अवस्था में खंवर गांव की छतरियां।

 रोल. जर्जर अवस्था में खंवर गांव की छतरियां।

रोल. कस्बे के पास छोटा सा गांव है खंवर। यहां के ठाकुरों व गारू एवं नाथ परिवार ने कभी गांव की सुंदरता के लिए कलात्मक छतरियों निर्माण करवाया था, लेकिन राजा महाराजाओं व ठाकुरों के जमाने की इन ऐतिहासिक विरासत की सार सम्भाल नहीं होने के कारण ये जर्जर होने के कारण अस्तित्व को खोने के कगार पर है। खंवर गांव की पूर्व दिशा में तालाब के किनारे बनी यह छतरियों में किसी समय लोग दोपहर व शाम को बैठकर बातचीत किया करते थे। इन छतरियों की सुन्दरता को निहारते थे, लेकिन तालाबों के पानी का कम उपयोग व पानी की कम आवक एवं व्यस्त जिंदगी के कारण यहां लोगों का आवागमन कम हो गया। बेजोड़ स्थापत्य कला को समेटे हुए ये प्राचीन धरोहरें प्रशासन की उपेक्षा के कारण अपना वजूद खोने लगी है। गांव की ऐतिहासिक व धार्मिक विरासत को अगर संरक्षण मिले तो गांव की सुंदरता को बढाया जा सकता है ,पुरातत्व विभाग व
पंचायतों को प्राचीन धरोहरों को अपने कब्जे में लेकर सरंक्षण के साथ नए ढंग से मरम्मत कर मूर्त रूप देने की आवश्यकता है, ताकि इन धरोहरों का अस्तित्व बना रहे। गांव के पूनमचंद गारू व जितुराम मास्टर ने बताया कि ऐतिहासिक विरासत को शरण की आस है पुरातत्व विभाग व ग्राम पंचायत इन धरोहरों की मरम्मत कार्य करवाए तो इसे सुरक्षित रखा जा सकता है
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