नागौर. समर्थन मूल्य पर मूंग खरीद में राजफैड की ओर से की गई गफलत ने काश्तकारों के साथ ही रविवार को क्रय-विक्रय सहकारी समिति को भी संकट में डाल दिया। राजफैड की ओर से नागौर खरीद केन्द्र पर मूंग का बेचान करने आए एक दर्जन से अधिक किसानों के नाम एवं कूपन अचानक खींवसर केन्द्र पर स्थानांतरित कर दिए गए। इससे स्थिति विकट हो गई। हालांकि संयोग से स्थानांतरित हुए नामों में केवल एक काश्तकार ही मूंग तुलाई के लिए पहुंचा था, लेकिन यह संख्या ज्यादा होने पर हालात बिगड़ सकते थे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए क्रय केन्द्र के प्रभारी अधिकारी ने राजफैड को भेजे गए पत्र में इस तरह का निर्णय दोबारा नहीं करने का आग्रह किया। उन्होंने चेताया गया कि ऐसा होने पर किसानों भडक़ सकते है।
कृषि उपजमंडी स्थित क्रय-विक्रय सहकारी समिति खरीद केन्द्र के अधिकारियों के अनुसार गत सात नवंबर की तुलाई वाले किसानों के माल की रविवार को तोलाई की जानी थी। किसानों की कुल संख्या 180 थी। शाम को करीब पांच बजे तक किसानों की तुलाई होने के बाद अचानक राजफैड की ओर से आए फरमान में एक दर्जन से अधिक काश्तकारों के कूपन खींवसर केन्द्र स्थानांतरित कर दिए गए। यद्यपि स्थानांतरित हुए किसानों में से तुलाई के लिए महज एक किसान ही पहुंचा था। इसकी वजह से स्थिति नहीं बिगड़ी। अधिकारियों का कहना है कि यदि नागौर केन्द्र में रविवार को तुलाई की सूची में शामिल सभी किसानों के माल की तुलाई हुई होती तो फिर, क्या हालात होते। किसानों का माल दोबारा उन्हें वापस करने, खींवसर जाने की बात कहने पर हंगामा हो सकता था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नागौर खरीद केन्द्र के प्रभारी अधिकारी ने राजफैड को भेजे गए पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि 13 नवंबर को होने वाली तुलाई में यह स्थिति नहीं आनी चाहिए । इस संबंध में राजफैड के
अजमेर स्थित क्षेत्रीय अधिकारी विजयसिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी।
इनका कहना है…& नागौर खरीद केन्द्र की तुलाई सूची में शामिल एक दर्जन से अधिक किसानों के नाम व कूपन खींवसर केन्द्र पर स्थानांतरित करने से स्थिति विकट हो गई थी। संयोगवश स्थानांतरण सूची में शामिल एक किसान ही तुलाई के लिए आया था, नहीं तो किसानों को समझाना मुश्किल हो जाता।
रामनिवास सिंवर, प्रभारी खरीद केन्द्र को-ऑपरेटिव लि. नागौर
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