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corona fight: नर्सिंग छात्र बन रहे होमगार्ड, वाहन रूकवाने को थामा डंडा

locationनागौरPublished: Mar 30, 2020 12:37:43 pm

Submitted by:

Jitesh kumar Rawal

रूकता नहीं दिखता संक्रमण, झटका खा सकते हैं संक्रमण रोकने के प्रयास, शहर में प्रवेश के रास्तों पर लगे नाके और वाहन रूकवाने के ठोस प्रबंध ही नहीं

corona fight: नर्सिंग छात्र बन रहे होमगार्ड, वाहन रूकवाने को थामा डंडा

नागौर. जिला अस्पताल के पास शहर के प्रवेशद्वार पर लगाया नाका एवं नाके पर डंडा लेकर खड़े नर्सिंग छात्र

जीतेश रावल

नागौर. कहने को शहर में प्रवेश के रास्तों पर नाके बना रखे हैं, जहां से एंट्री करवाए बगैर कोई अंदर नहीं घुस सकता, लेकिन यह केवल दिखावा ही है। इन नाकेदारों के पास वाहन रूकवाने के संसाधन ही नहीं है। ऐसे में हाथ के इशारे से वाहन रूकना मुश्किल है। अधिकतर वाहन इन नाकों पर एंट्री करवाए बगैर ही फुर्र हो जाते हैं। वाहन रूकवाने के लिए कई बार नर्सिंग छात्रों को ही लाठी थाम कर खड़े रहना पड़ता है, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रहा है। रोकथाम के समुचित प्रबंध नहीं होने से रात को कई वाहन बिना एंट्री करवाए ही गुजर जाते हैं। संसाधनों के बगैर चलाए जा रहे इन नाकों से संक्रमण रूकता नहीं दिखता। ऐसे में अन्य जिलों या बाहरी राज्यों से आने वाले संक्रमण को रोकने के प्रयास भी झटका खा सकते हैं।
कागजों में ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मी

इन नाकों पर होमगार्ड या पुलिसकर्मी की ड्यूटी भी है, लेकिन कागजों में। लॉकडाउन के दौरान शहर में प्रवेश के रास्तों पर इस तरह के नाके लगाए गए थे। इनके लिए शिक्षा विभाग से अधिकारियों को प्रभारी नियुक्त किया है। साथ ही नर्सिंग छात्र व पुलिसकर्मी भी ड्यूटी पर लगाए गए, लेकिन पुलिसकर्मी कभी ड्यूटी पर नहीं आते।
नाके पर पुलिसकर्मी नहीं आते

जिला अस्पताल के समीप नाका संभाल रहे जगदीशप्रसाद ने बताया कि होमगार्ड या पुलिसकर्मी उनके साथ खड़ा हो तो वाहन रोकने में आसानी रहती है। अधिकतर वाहन ऐसे ही चले जाते हैं। आवाज लगाकर रूकवाते हैं, लेकिन वाहन चालक नहीं रूकते। कुछ लोग रूकते भी है, लेकिन रजिस्टर में एंट्री करते देख फुर्र हो जाते हैं। उनके नाके पर पुलिसकर्मी कभी नहीं आया। corona virus in nagaur jodhpur
रात के लिए टॉर्च तक नहीं मिली

नाके पर तैनात शिक्षक नारायणदान ने बताया कि यहां रात को काफी समस्या होती है। बाहर से आने वाले वाहन रूकवाने के लिए टॉर्च तक नहीं है। अंधेरा होने से वाहन सीधे ही निकल जाते हैं। बिना एंट्री करवाए चले जाते वाहनों के नम्बर हम लोग नोट कर लेते हैं, लेकिन उनको पकडऩे का कोई संसाधन नहीं है।।
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