व्यास ने कहा कि पुलिस को लेकर उनके पास शिकायतें ज्यादा आती हैं। इसके अलावा पानी-बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा ही नहीं मानव सुविधा से जुड़े प्रकरण भी आते हैं। उन्होंने चोरी के प्रकरण में पकड़े युवक के आत्महत्या प्रकरण का हवाला देते हुए कहा कि मानवाधिकार आयोग ने इसके लिए दस लाख की सहायता की अनुशंसा की। व्यास ने कहा कि आयोग मानव अधिकारों की रक्षा के लिए सभी संबंधित जिम्मेदारों को चेता रहा है। सुधार गति पकड़ रहा है।
-24 लंबित प्रकरणों में से 12 का निस्तारण नागौर. राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास सोमवार को नागौर आए। यहां सर्किट हाउस पहुंचने पर न्यायमूर्ति व्यास को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पुष्प गुच्छ भेंट किया।
जस्टिस व्यास ने यहां मानवाधिकार आयोग में दर्ज मामलों के निस्तारण को लेकर जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, पुलिस अधीक्षक अभिजीतसिंह सहित संबंधित जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बैठक में मौजूद प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानवाधिकार आयोग में दर्ज प्रकरण जो जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को भेजे जाते हैं, उनमें समयबद्ध जांच करते हुए निस्तारण कर पालना रिपोर्ट भिजवाई जाए। जस्टिस व्यास ने 24 मामलों में सुनवाई करते हुए 12 का निस्तारण किया। शेष बारह प्रकरणों में आयोग अध्यक्ष ने जांच में वांछित प्रगति रिपोर्ट के साथ-साथ परिवादी की प्रतिक्रिया चाही है। न्यायमूर्ति गोपालकृष्ण व्यास की बैठक में राज्य मानवाधिकार आयोग के रजिस्ट्रार ओमी पुरोहित, जिला परिषद के सीईओ हीरालाल मीणा, अतिरिक्त जिला कलक्टर मोहनलाल खटनावलिया, एएसपी राजेश मीणा, सहायक श्रम आयुक्त भवानी प्रताप चारण , सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के विभाग सहायक निदेशक रामदयाल मांजू कार्यवाहक डीएसओ कंवराराम आदि भी मौजूद रहे।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज सोनी, निधी हेड़ा, रामलाल कुवांड़, बाल श्रम रोकथाम टास्क फ़ोर्स सदस्य सुनील सिखवाल ने जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास से मुलाकात की। साथ ही बाल व्यवस्थाओं व संरक्षण पर चर्चा की। जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्य बलवीर खुडख़ुडिय़ा, किशोर न्याय बोर्ड सदस्य श्रीमती राजलक्ष्मी आचार्य, अक्खाराम मेघवाल भी उनसे मिले।