script

गुरुजी नहीं मिले तो लाखों की किताबों पर चढ़ी धूल की परत

locationनागौरPublished: Jul 28, 2021 11:24:59 pm

Submitted by:

Ravindra Mishra

सवाईसिंह हमीराणा
खींवसर (नागौर). नागौर जिले में साक्षर भारत मिशन के तहत साक्षर हो चुके नवसाक्षरों को आगे की शिक्षा देने को लेकर समतुल्यता अभियान शुरू करना था। इसके लिए छपवाई गई लाखों रुपए की किताबें पिछले तीन साल से धूल फांक रही है। कारण, अभियान के तहत सरकार कोसेवानिवृत शिक्षक लगाने थे, लेकिन जिलेभर में एक भी सेवानिवृत शिक्षक ने रुचि नहीं दिखाई और अभियान ठंडे बस्ते में चला गया।

Government books

Government books


-लाखों रुपए खर्च फिर भी उच्च शिक्षा का सपना अधूरा

– तीन वर्षों में शुरू नहीं हो पाया समतुल्य शिक्षा अभियान
– साक्षरता के नवसाक्षरों को देनी थी कक्षा 3, 5 व 8 के समकक्ष शिक्षा
पत्रिका एक्सक्लूसिव

अब इन किताबों का क्या होगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है। साक्षर भारत मिशन में साक्षर हो चुके लोगों को कक्षा 3, 5 व 8 के समतुल्य शिक्षा देने के लिए तीन वर्ष पूर्व सरकार ने समतुल्यता अभियान की योजना तैयार की थी। अभियान को लेकर जिले में लक्ष्य निर्धारित कर लोक शिक्षा केन्द्रों का चयन किया गया। लक्ष्य के अनुसार किताबें छपवा कर जिलेभर में भिजवा दी गई, लेकिन अध्ययन करवाने के लिए सेवानिवृत शिक्षक नहीं मिलने से अभियान शुरू नहीं हो पाया। परिणाम यह हुआ कि नागौर जिले की पंचायत समितियों में पिछले तीन वर्ष से लाखों रुपए की किताबें बेकार पड़ी है। इन किताबों की फिक्र न तो सरकार को है और न ही अधिकारियों को।
यह था समतुल्यता अभियान

समतुल्यता अभियान के तहत साक्षर भारत में नव साक्षर व ड्रॉपआउट विद्यार्थियों को कक्षा 3, 5 व 8 में अध्ययन के लिए इन कक्षा के समकक्ष श्रेणी ए, बी, व सी का निर्धारण कर उन्हें शिक्षित किया जाना था। प्रत्येक लेवल की कक्षा में चार विषय हिन्दी, गणित, पर्यावरण तथा कम्प्यूटर शिक्षा का अध्ययन करवाना था। निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार जिले में लोक शिक्षा केन्द्रों का निर्धारण कर किताबों की सप्लाई की गई। इन कक्षाओं में अध्ययन के लिए सरकारी मानदण्डों के हिसाब से सेवानिवृत शिक्षक ट्यूटर के रूप में लगने थे। लेकिन अल्प मानदेय के कारण सेवानिवृत शिक्षकों ने प्रोग्राम में रुचि नहीं दिखाई।
कहां कितनी किताबें

ब्लॉक- संख्या

डेगाना -977

डीडवाना -1966

जायल -1221

कुचामन- 1246

लाडनूं- 390

मकराना 2150

मेड़ता -1020

मूण्डवा -986

नागौर -1170

परबतसर- 2078
रियांबड़ी- 2893

पंचायत समिति में रखवाई है किताबें

समतुल्य शिक्षा अभियान के क्रियान्वयन को लेकर आवंटित लक्ष्य के अनुसार किताबें प्राप्त हुई थी। लेकिन सेवानिवृत्त शिक्षक नहीं मिलने से जिले में अभियान शुरू नहीं हो पाया। उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार किताबें पंचायत समिति में रखवाई गई है।
– चम्पालाल कुमावत, पूर्व साक्षरता समन्वयक।

ट्रेंडिंग वीडियो