scriptIf 'Nagauri breed' is to be kept alive then 'goods train' is needed | गोवंश की 'नागौरी नस्ल' को जीवित रखना है तो चाहिए 'मालगाड़ी' | Patrika News

गोवंश की 'नागौरी नस्ल' को जीवित रखना है तो चाहिए 'मालगाड़ी'

locationनागौरPublished: Nov 09, 2022 11:39:00 am

Submitted by:

shyam choudhary

- राज्य स्तरीय पशु मेले में बिकने वाले पशुओं के परिवहन के लिए चाहिए ट्रेन की स्वीकृति

- प्रदेश में सबसे अधिक गोवंश और गोशाला वाला जिला है नागौर

- खेती में उपयोगिता कम होने से किसान के बाड़े से गोशाला पहुंच गई गाय

प्रदेश में सबसे अधिक गोवंश और गोशाला वाला जिला है नागौर
प्रदेश में सबसे अधिक गोवंश और गोशाला वाला जिला है नागौर
नागौर. प्रदेश में सबसे अधिक गोवंश नागौर जिले में हैं। गोशालाओं की संख्या भी सबसे अधिक नागौर जिले में हैं। भरतपुर, कोटा व उदयपुर तीनों संभाग में मिलाकर जितनी गोशालाएं और गोवंश हैं, उससे ज्यादा अकेले नागौर जिले में हैं। संभागवार देखें तो जयपुर संभाग से भी ज्यादा गोशालाएं व गोवंश नागौर में हैं। जल्द ही इनकी ओर ध्यान नहीं दिया तो प्रदेश ही नहीं देशभर में अपनी विशेष पहचान रखने वाले 'नागौरी नस्ल' के गोवंश को बचा पाना मुश्किल हो जाएगा। हाईकोर्ट की ओर से तीन वर्ष तक के बछड़ों के परिवहन पर लगाई गई रोक के बाद जिले में आयोजित होने वाले तीन राज्य स्तरीय पशु मेलों (नागौर, परबतसर व मेड़ता) का दायरा सिमटता जा रहा है और गोवंश किसान के बाड़े से गोशाला में पहुंचने लगा है।
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