नागौरPublished: Aug 14, 2018 12:47:36 pm
Sharad Shukla
पहले कातरा, अब बारिश नहीं होने की आशंका से काश्तकारों के माथे पर चिंता की सलवटें पडऩे लगी है।
Tutors and informative benefits of cultivating farming cultivators
नागौर. जिले के मकराना, परबतसर एवं बुटाटी क्षेत्र छिटपुट बारिश हुई है, लेकिन ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश नहीं होने से फसल की स्थित बगड़बड़ा गई है। काश्तकारों का मानना है कि सप्ताह भर में बारिश नहीं होने पर सूखे के हालात सामने आ सकते हैं। जिले के परबतसर, मकराना, कुचामन, नावां, मेड़ता, रियाबड़ी, जायल, खींवसर, गोटन, डीडवाना, डेगाना आदि क्षेत्रों में हजारों एकड के एरिया में खरीफ फसलों में बाजरा, मूंग, मोठ, चौला, मूंगफली, तिल, कपास, ग्वार, सब्जियां, हरा चारा आदि की उपज बारिश नहीं होने से सूखने लगी है। अन्नदाता भी बारिश नहीं होने से परेशान हैं। किसान दिन-रात बारिश की प्रार्थना करने लगे हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जिले में बुवाई का 80 फीसदी एरिया अब भी बारिश से वंचित है। बारिश जल्द नहीं हुई तो स्थिति खराब होते देर नहीं लगेगी।
खेतों में परेशान अन्नदाता
जिले के मंडावासानी, छोटी खाटू, रेण, जारोड़ा, खाटूबड़ी, बरनेल, पिण्डिया, साण्डिला, आकोड़ा, सुरपालिया, हिराणी, घाटवा, लूणवा, प्यावा, सिंगरावटकलां, गोदरारा, मामड़ोदा, शिवनगरी, रणसीसर, खरेश, बकवास, सानियां, रूवां, नोजलों की ढाणी, बुड़ोद, गावडिय़ों की ढाणी,बालिया, भगवानपुरा आदि क्षेत्रों बारिश नहीं होने से फसल जलने लगी है। पत्तियां सूखने से पौधे मुरझाए हुए नजर आने लगे हैं। किसानों का कहना था कि बारिश जल्द नहीं हुई तो यह लहलहाते खेत जली हुी पौध में बदल जाएंगे। उत्पादन तो दूर घर के लिए भी अनाज मिलना मुश्किल हो जाएगा।
जिले में बुवाई के आंकड़ों पर एक नजर
फसल बुवाई
बाजरा 339478
ज्वार 32085
मूंग 399780
मोठ 58580
चौला 7283
मूंगफली 14541
तिल 4375
कपास 35958
ग्वार 105878
सब्जियां 435
हरा चारा 4685
अन्य 2046
आंकड़ें सब दुरुस्त, नहीं मिलते हैं कृषि अधिकारी
संकट के समय में जानकारी प्राप्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के कार्यालयों में कृषि विभाग का कोई अधिकारी या कर्मी ग्रामीणों को नहीं मिलता है। हालांकि कई जगहों पर किसान सेवा केन्द्र बने हुए हैं, लेकिन इनमें कृषि अधिकारी या कर्मी कब आते हैं। इसका किसी को अता-पता नहीं रहता है। अधिकारियों की कागजी समीक्षाओं की खानापूर्ति ने किसानों की हालत पतली कर दी है।
&जिले में कुछ जगहों पर बारिश हुई है, लेकिन कई जगहों पर बारिश की आवश्यकता है। अभी हालात इतने खराब नहीं है। उम्मीद है कि जल्द ही बारिश होने पर स्थिति सामान्य हो जाएगी।
हरजीराम चौधरी, उपनिदेशक, कृषि विस्तार, नागौर।