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भांभू ने बताया कि वह गिनाणी रोड पर स्थित लगे पेड़ों की स्थिति देखने गए तो हालात बेहद ही खराब मिले। भांभू ने कहा कि पेड़ों को खत्म करने के लिए असमाजिक तत्वों की ओर से इनकी छाल उतारकर खत्म करने में लोग लग गए हैं। आरोपित किया कि भूमाफियाओं ने कई जगहों पर तारबंदी को तोडकऱ पिलर तक गायब कर दिया। जगह विवादित होने की वजह से पेड़ों के सार-संभाल का जिम्मा नगरपरिषद का है। परिषद की ओर से एक प्रस्ताव लेकर सात हार्स पावर का पम्प लगाने के साथ इनकी सिंचाई कराई जा सकती है। इसके लिए परिषद को एक कार्मिक की व्यवस्था भी करनी पड़ेगी। भांभू ने कहा कि इसे व्यवस्थित करने में विलंब किया गया तो फिर न केवल यह पेड़ खत्म हो जाएंगे, बल्कि शहर के पास एक ऑक्सीजन फैक्ट्री भी खत्म हो जाएगी।
फोटो. नागौर. गिनाणी रोड पर सात सौ में से अब बचे तीन सौ पेड़ों की हालत भी हुई खराब