scriptपादूकलां में खनन माफिया ने किया आरएसी जवानों समेत अन्य कर्मचारियों पर जानलेवा हमला | In Padukalan, the mining mafia did a deadly attack on the RAC jawans a | Patrika News

पादूकलां में खनन माफिया ने किया आरएसी जवानों समेत अन्य कर्मचारियों पर जानलेवा हमला

locationनागौरPublished: Jan 17, 2022 10:39:10 pm

Submitted by:

Sandeep Pandey

नागौर . अवैध खनन माफियाओं की गुण्डई थम नहीं रही। पादूकलां थाना इलाके में रविवार को दिनदहाड़े आरएसी जवानों के अलावा खनन विभाग के कार्मिकों पर लाठी-सरियों से हमला बोल दिया। लोग स्थानीय पुलिस के इन बदमाशों को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं।

आधा दर्जन गाडिय़ों में सवार बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। साथ ही बदमाशों ने लाठी-सरियों से उन पर जानलेवा हमला कर दिया।

थाने में खड़ी क्षतिग्रस्त गाडिय़ां।

पहले भी कई बार खनन माफिया झगड़े-फसाद कर चुका है। थाने में सिर्फ मामला दर्ज कर ही इतिश्री की जा रही है। कार्रवाई के नाम पर इक्का-दुक्का बदमाश अथवा गाड़ी पकडऩे का पुलिस कार्रवाई बता देती है। खान एवं भू विज्ञान विभाग के लिपिक हीरेंद्र सिंह ने पादूकलां थाने में इस बाबत रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में बताया कि वो खजिन चेकपोस्ट झाटिया में पदस्थापित है। रविवार को चैक पोस्ट पर तैनात आरएसी जवान ज्ञानचंद की तबीयत खराब हो गई। उसे गाड़ी से रात करीब आठ बजे रियांबड़ी चिकित्सालय दिखाने ले जा रहे थे। उसके साथ आरएसी के दो अन्य जवान नरेश और मनीष भी थे। चैक पोस्ट से रवाना होकर जैसे ही झीटिया गांव पहुंचे। तभी आधा दर्जन गाडिय़ों में सवार बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। साथ ही बदमाशों ने लाठी-सरियों से उन पर जानलेवा हमला कर दिया। हम सभी जान बचाकर भागे तो एक स्कॉर्पियो में सेण्डी था, काले रंग की स्कॉर्पियो गणेश की थी। प्रहलाद सिंह के हाथ में चोट आई, इनके साथ रविंद्र, गौरव, नरेंद्र सिंह, मुनेंद्र सिंह, देवी सिंह, अभय सिंह भी थे। इनके साथ भी मारपीट की गई। गाडिय़ों को नुकसान पहुंचाकर, आरएसी जवान व अन्य सरकारी कर्मचारियों के साथ भी मारपीट की गई। उधर, पुलिस ने हत्या के प्रयास के साथ राजकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज कर कुछ गाडिय़ां जब्त की है।
पूर्व में भी कई बार
बताया जाता है कि खनन माफिया ने यहां आतंक मचा रखा है। पहले भी माफिया खनन विभाग के अधिकारियों की गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ कर चुके हैं। यही नहीं रियांबड़ी तहसीलदार सांवरलाल अबासरा, पुलिसकर्मी सुनील चौधरी पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास भी कर चुके हैं।
आधा दर्जन गांवों में अवैध बजरी की तस्करी
सूत्र बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद राज्य सरकार के बार-बार चेताना के बावजूद यहां बजरी के अवैध खनन का कारोबार खुला चल रहा है। पिछले एक-डेढ़ साल में बीच-बीच में जब भी इस पर अंकुश लगाने की कोशिश हुई, माफिया ने सरकारी कारिंदों को भी आड़े हाथ लिया। सरकारी कारिंदों की तरफ से भी कई मामले थाने में दर्ज हुए पर वे ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं।
इनका कहना

आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के साथ राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज किया गया है। उनकी गाड़ी जब्त कर कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। किसी को भी बशा नहीं जाएगा।
-राजेश मीना, एएसपी नागौर

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