शहर की सडक़ों पर रात में इनका चलता है राज…!
नागौरPublished: Jun 11, 2018 11:41:50 am
जिला व पुलिस प्रशासन का नहीं , रात में रेलवे स्टेशन से बस स्टैंड तक इन्ही का राज
नागौर. किसी यात्री को बस स्टैंड से रेलवे स्टेशन या फिर पुराना हॉस्पिटल से महज 100 मीटर की दूरी पर रात्रि में जाना है तो उसे 100 से 150 रुपए किराया का भुगतान ऑटो चालक को देना पड़ेगा। नहीं तो पैदल ही जाना होगा। इस मार्ग पर कोई वाहन सुविधा उपलब्घ नहीं है। इस दौरान कोई आपातकालीन स्थिति या रोगी ही क्यों न हो, इससे कम में कोई भी ऑटो या टेक्सी चालक ले जाने के लिए राजी नहीं होगा। यात्रियों की जुबानी इस कड़वी सच्चाई की रात्रि में की गई पड़ताल में भी इसकी पुष्टी हुई।
पुराना हॉस्पिटल चौराहा: 10 बजकर 40 मिनट
यहां पर चार ऑटो वाहन खड़े हुए थे। इनमें से एक से पूछा कि इंद्रा कॉलोनी गौरव पथ तक चलना है। कितना किराया लोगे। एक आटो चालक ने पूछा कि सामान क्या है? उसे बताया गया कि सामान कुछ नहीं है, केवल एक डॉक्टर के पास जाना है। जवाब मिला कि 100 रुपए लगेंगे, केवल वहां ले जाने तक के। इसके अलावा वहां रुकने पर प्रति पांच मिनट 20 रुपए की दर से अतिरिक्त किराए के तौर पर लिया जाएगा। कहा गया कि मरीज है, भाई साब रियायत कर दो थोड़ा, लेकिन वह नहीं माने।
रेलवे स्टेशन चौराहा: 10 बजकर 50 मिनट
यहां पर आटो वाहनों की लाइन लगी हुई थी। इनमें से एक से पूछा कि भाईसाब बस स्टैंड तक जाना है, क्या किराया लगेगा। आटो चालक ने जवाब दिया कि 100 रुपए लगेंगे। इस पर चालक से कहा गया कि भइया हम भी यहीं के हैं, इतना ज्यादा किराया नहीं लगता है। यहां से महज डेढ़ या दो किलोमीटर ही तो है। जवाब मिला कि रात में किराया बढ़ जाता है, और फिर आपको अकेले जाना है तो फिर पैसा भी देना ही पड़ेगा। उससे कहा गया कि वह 50 रुपए ले ले, लेकिन नहीं माना। इसके बाद वहां पर खड़े अन्य ऑटो वाहन चालकों से भी पूछा गया तो कोई भी इससे कम किराए की दर पर जाने के लिए तैयार ही नहीं हुआ।
रेलवे स्टेशन: 11 बजे
रेलवे स्टेशन परिसर के वाहन पार्किंग के पास भी आटो वाहन खड़े रहते हैं। यहां पर एक आटो चालक से नया शहर चलने के लिए कहा गया, तो उसने पूछा नया शहर में कहा जाना है। उसे बताया गया कि माही दरवाजा के पास! इस पर चालक ने कहा कि पूरे 100 रुपए देने पड़ेंगे, और ज्यादा अंदर जाओगे तो फिर आपको 150 रुपए देने पड़ेेंगे। उससे कहा गया कि भाईसाब आप तो 50 रुपए ले लो, ज्यादा दूर नहीं है। इसके बाद भी न तो वह जाने को तैयार हुआ, और न ही कोई अन्य आटो वाहन। यह हालात रेलवे स्टेशन परिसर से लेकर पूरे चौराहे तक नजर आए।
गांधी चौक: 11 बजकर 25 मिनट
गांधी चौक में वाहन पार्किंग के पास आटो व सवारी वाहनों का जमावड़ा लगा हुआ था। इनमें से एक आटो चालक से पुराना हॉस्पिटल चलने के लिए गया तो उसने कहा कि आपके पास तो बाइक है। इस पर उसे बताया गया कि भाई पैर में चोट लग गई है, बाइक यहीं खड़ी कर दूंगा। कितना किराया लोगे? उसने किराया बताया 120 रुपए। इस पर चालक से कहा गया कि किराया कुछ ज्यादा ही नहीं बता रहे हो, यहां से पुराना हॉस्पिटल चौराहा ज्यादा दूर तो नहीं है। जवाब मिला कि ज्यादा दूर नहीं है तो फिर खुद ही चले
इनका कहना है…
&ऑटो व सवारी वाहनों के किराए दर की सूची विभिन्न मार्गों के अनुसार काफी पहले ही नगर परिषद को सौंप दी गई है। इसे लागू करने का दायित्व परिवहन विभाग का नहीं है।
ओमप्रकाश बुडानिया, जिला परिवहन अधिकारी नागौर