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ट्रांसफार्मर अब खतरा
रीको एरिया में दालों की फैक्ट्रियों के बीच बरसात के दौरान दौड़ते करंट यहां पर लगे कामगारों के लिए खतरा बनने लगे हैं। पूरे एरिया में बिजली के तारों के जाल पेड़ों के अंदर से होते हुए फैले हुए हैं। इनकी देखभाल नहीं होने की वजह से यह कई जगहों पर लटके हुए नजर आने लगे हैं। पेड़ों से होकर गुजरने की वजह से बारिश के दौरान पानी का साथ मिलते ही कई बार यह करंट सडक़ों पर उतर जाता है। यही नहीं, यहां अवैज्ञानिक तरीके से लगे ट्रांसफार्मर के नजदीक से गुजरने पर अक्सर कई पशु असमय हादसे का शिकार होकर अपनी जान गवां बैठते हैं। ऐसे हादसों की संख्या भी उद्यमियों क अनुसार एक दर्जन का आंकड़ा पार कर गई है। अव्यवस्थित रखे बिजली के ट्रांसफार्मरों की संख्या 100 से ज्यादा बताई जाती है। उद्यमियों की माने तो यहां पर दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों से काफी संख्या में श्रमिक वर्ग आते हैं। ऐसे में बारिश के दौरान आए दिन वह करंट के स्पर्श में आकर इसका शिकार होते रहते हैं। अब बिजली विभाग लगता है कि किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहा है।
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आंखों देखा हाल
शहर के बीकानेर रोड स्थित रीको एरिया में सोमवार को बूंदाबांदी के दौरान हालात बेहद विकट नजर आए। फैक्ट्रियों से निकलते कामगार डरे-सहमे और बिजली के लगे ट्रांसफार्मरों से बचते हुए निकलते नजर आए। पूरे रीको एरिया में करीब डेढ़ घंटे तक खाक छानने के दौरान कई जगहों पर बिजली के लटके, नंगे पेड़ों के बीच से होकर दौड़ते तार ही मिले। स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फैक्ट्री से बाहर कदम रखने के बाद सडक़ पर जाने से पहले श्रमिक सडक़ पर कहीं करंट तो नहीं फैला की जांच करने के बाद ही जाते मिले।
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उद्यमी कहिन…
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दाल मिल एसोसिएशन के सचिव नितिन मित्तल से बातचीत हुई तो इनका कहना है कि यहां पर बिजली के तारों को अब अंडरग्राउण्ड कर देना चाहिए। यह व्यवस्था पहले से कर दी जाती तो हालात इतने खतरनाक नहीं होते। अब पेड़ों के बीच होकर गुजरे तारों के साथ फैलते करंट ही नहीं, अव्यवस्थित तरीके से रखे बिजली के ट्रांसफार्मर भी खतरा बन गए हैं। रीको एरिया में दालों की करीब सौ फैक्ट्रियां स्थापित हैं। इनमें काम करने वाले कामगारों की संख्या भी कम नहीं है। औसतन हजार से ज्यादा लोग इन फैक्ट्रियों में कामगारों के रूप में लगे हुए हैं। बरससात के दौरान सडक़ों पर दौड़ते करंट का भी यह अक्सर शिकार होते रहते हैं।Nagaur patrika latest news