नर्सिंग स्टाफ कमी है अस्पताल में… गौरतलब है कि इन दिनों मौसमी बीमारियां के कारण कई लोग बीमार पड़ रहे हैं। जिनमें मलेरिया, डेंगू के साथ मौसमी बुखार के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। जबकि अस्पताल में स्थिति यह है कि रोजाना औसतन एक हजार से अधिक का आउटडोर रह रहा है, तो वहीं इनडोर की बात करें तो मरीजों की संख्या 70 से 80 तक पहुंच रही है। ऐसे में 150 बेड का जिला अस्पताल काफी छोटा पड़ता दिखाई दे रहा है। मौसमी बीमारियों के सीजन में अस्पताल में डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ के साथ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी भी महसूस की जा रही है। आपको बतां दें कि अस्पताल में पीएमओ सहित तीन फिजिशियन हैं, जिसके चलते डॉक्टर स्टाफ की भी कमी महसूस की जा रही है।
शौचालय में पसरी गंदगी… एक तरफ अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ अस्पताल परिसर में नियमित एवं सुचारू रूप से सफाई नहीं होने से गंदगी पसरी हुई है। शनिवार को पत्रिका ने अस्पताल परिसर के हालात जानने कि कोशिश की तो अस्पताल के शौचालयों में गंदा पानी भरा हुआ मिला। साथ ही ग्लूकोज की बोतलें बाहर फेंकी हुई मिली।
अस्पताल में बढ़ी है मरीजों की संख्या… इस मामले पर जेएलएन अस्पताल के फिजिशियन डॉ. सुरेन्द्र भाकल का कहना है कि इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप होने से मलेरिया, डेंगू, मौसमी बुखार के मरीजों की संख्या अस्पताल में काफी बढ़ रही है। जिस कारण रोजाना 125 से 150 मरीज आ रहे हैं, वहीं इनडोर मरीजों की संख्या भी 70 से 80 तक पहुंच रही हैं।