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‘दर्जा तो बढ़ा दिया पर स्टॉफ बढ़ाना भूल गई सरकार’

locationनागौरPublished: May 28, 2018 11:26:50 pm

Submitted by:

Sandeep Pandey

लापरवाही का आलम, रोगियों को नहीं हुआ कोई फायदा, सरकार ने केवल वाहवाही लूटने को बढ़ा दिया दर्जा

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लाडनूं. निम्बीजोधा के श्री सारड़ा राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को वर्षों पूर्व क्रमोन्नत कर इसका कद तो बढ़ा दिया गया, लेकिन इसमें स्वीकृत चिकित्सकों समेत अन्य पदों को अभी तक नहीं भरा गया है। ऐसे में यहां आने वाले रोगियों को इसका पूरी तरह से फायदा नहीं मिल पा रहा है। चिकित्सकों के आधे से ज्यादा पद खाली होने के कारण यहां कार्यरत चिकित्सकों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। जानकारी के अनुसार वर्ष १९९५ में निम्बीजोधा के स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत किया गया था। तब लोगों में इसको लेकर खुशी हुईथी। स्थानीय स्तर पर ही रोगियों को उपचार के लिए अच्छी सुविधाएं मिलने की उम्मीद लोगों में जगी थी। लेकिन चिकित्सकों के सभी पद वर्षों बीतने के बाद भी नहीं भरे जाने के कारण रोगियों को यहां पर चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह से नहीं मिल पा रही है। जबकि निम्बीजोधा के आस-पास के दर्जनों गांवों के लोग उपचार के लिए उपरोक्त स्वास्थ्य केन्द्र में ही पहुंचते हैं। यहां पर प्रतिदिन का ओपीडी एवरेज करीब १३० का रहता है। इसके अलावा निम्बीजोधा के आस-पास सडक़ हादसों में घायल होने वाले रोगियों को भी उपचार के लिए यहीं पर लाया जाता है। ग्रामीण हणुताराम खींचड़, महावीर प्रसाद शर्मा, वृंदावन जोशी, कालू मोहम्मद भाटी आदि ने चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य केन्द्र में क.वि. मेडिसिन, क.वि. सर्जरी तथा वरिष्ठ चिकित्साधिकारी के एक-एक पद स्वीकृत है। तीनों ही पद रिक्त है। वहीं चिकित्साधिकारी के स्वीकृत दो में से दोनों पद भरे हुए हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य केन्द्र में स्वीकृत चिकित्साधिकारी (दंत) को लाडनूं में डेपुटेशन पर लगा रखा है। वहीं नर्स ग्रेड प्रथम के दो में से दोनों पद रिक्त तथा फार्मासिस्ट व लैब टेक्निशियन के पद भी गत एक वर्ष से खाली पड़े हुए हैं। उधर स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी डॉ. सुखदेव राव का एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर में पीजी के लिए चयन हो गया। ऐसे में अब स्वास्थ्य केन्द्र में रिक्त पदों की समस्या और गहरा गई है। स्वास्थ्य केन्द्र दो चिकित्सकों के भरोसे रह गया है। वहीं स्वास्थ्य केन्द्र में सोनोग्राफी को संचालित करने के लिए भी कोईनहीं है। यहां पर कार्यरत सहायक रेडियोग्राफर का करीब एक वर्ष पूर्व प्रमोशन होने पर उसे दूसरी जगह लगा दिया गया। तब से लेकर यह पद रिक्त है। ऐसे में सोनोग्राफी कक्ष के ताला लटका हुआ। सोनोग्राफी मशीन गत एक वर्ष से धूल फांक रही है। आपातकालीन स्थिति में स्वास्थ्य केन्द्र में आने वाले रोगी को यदि सोनोग्राफी करवानी हो तो उसे लाडनूं जाना पड़ रहा है।

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