श्रमिकों को दी योजनाओं की जानकारी
नागौरPublished: Feb 20, 2020 11:16:20 pm
मेड़ता सिटी. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) भुवन गोयल के निर्देशानुसार गुरुवार को विश्व सामाजिक न्याय दिवस अवसर पर मेड़ता कृषि उपज मण्डी खेडा धणी पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
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मेड़ता सिटी. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) भुवन गोयल के निर्देशानुसार गुरुवार को विश्व सामाजिक न्याय दिवस अवसर पर मेड़ता कृषि उपज मण्डी खेडा धणी पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर के दौरान बोलते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव रामदेव सिंह सांदू ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिको के लिए सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यदि पंजीकृत श्रमिक श्रम कार्य करते हुए सिलिकोसिस बीमारी से ग्रसित हो जाता है तो उसको श्रम विभाग व समाज कल्याण विभाग द्वारा पन्द्रह सौ रुपए पेंशन दी जाती है। श्रमिक की सिलिकोसिस बीमारी से मृत्यु हो जाने पर उसके आश्रितों को ढाई लाख की राशि दी जाती है। इन श्रमिक के बच्चों को पालनहार योजना के तहत जोड़ा जाता है और प्रत्येक बच्चे को 18 वर्ष का होने तक 14 हजार की छात्रवृति दी जाती है। सचिव सांदू ने बताया कि बीपीएल, विधवा या परित्यक्ता को शादी के लिए समाज कल्याण विभाग 50 हजार रुपए की सहायता देता है। उन्होंने निशुल्क विधिक सहायता तथा लोक अदालत के बारे में जानकारी दी। सामाजिक सुरक्षा अधिकारी रामअवतार जाट ने बताया कि एचआईवी बीमारी से ग्रसित युवक के बच्चों को भी पालनहार योजना से जोडकर 14 हजार रुपए छात्रवृति की योजना है। श्रम निरीक्षक श्यामसुन्दर सिखवाल ने बताया कि योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए अपना पंजीयन करवाए। जिला श्रम मैनेजर भंवरलाल सेवदा ने भी विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। माईनिंग इंजीनियर गोटन महेश पुरोहित ने भी श्रमिकों को बताया कि खनन कार्य करते समय सुरक्षा का ध्यान रखे। चिकित्सा अधिकारी जस्साराम ने भी श्रमिकों को कार्य करते समय उडने वाली धूल मिट्टी से सतर्कता बरतने को लेकर बताया। इसके बाद जिले की विशिष्ठ श्रेणी कृषि उपज मण्डी में भी विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन हुआ। शिविर में प्राधिकरण सचिव ने बताया कि श्रमिकों की दो श्रेणियां है, पहली संगठित और दूसरी असंगठित। संगठित श्रमिकों के कार्य समय निर्धारित होते है और उनको प्राथमिक चिकित्सा भी उपलब्ध होती है। संगठित क्षेत्र में कार्य करनी वाली महिला कार्मिकों को भी प्रसुति अवकाश की सुविधा होती है। जबकि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिये समय, कार्य निर्धारित नहीं होता। सरकार ने इनके उत्थान के लिए कई योजनाएं संचालित की है। उन्होने श्रमिकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। इस दौरान कृषि उपज मण्डी सचिव राजेन्द्र कुमार रियाड़ ने श्रमिको के लिए संचालित कलेवा योजना तथा उनकी पुत्रियों की शादी को लेकर 50 हजार रुपए, मेघावी विद्यार्थियों को दी जाने वाले छात्रवृति के बारे में बताया।