गुरुवार को कुणी गांव स्थित बलाइयों के मोहल्ले में कुपोषित बच्चों व गर्भवती महिलाओं को कीड़ों वाले चने बांटने पर लोगों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने बताया कि चनों में छेद व कीड़े रेंग रहे हैं। मोहल्ले के लोगों ने कहा कि बांटते वक्त जैसे ही थैले में कीड़े-मकौड़े वाले चने देखे तो रोष व्याप्त हो गया।
एक भी चने का दाना ऐसा नहीं था, जिसमें छेद नहीं हो। सभी दाने छलनी हो रखे थे तथा कीड़े तिलमिला रहे थे। लोगों ने बताया कि इसका क्या करें पशुओं को भी नहीं खिला सकते। कीड़ों की वजह से मवेशी बीमार हो सकते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से मिली जानकारी के अनुसार कुणी स्थित प्रथम व द्वितीय आंगनबाड़ी केन्द्र पर 90-90 किलो चने पहुंचाए गए हैं। गोदामों में वर्षो से पड़े सड़े व कीड़े लगे चने गांवों में पहुंचा दिए और आंगनबाड़ी महिलाओं द्वारा कुपोषित व गर्भवती महिलाओं को बांट दिए।
आंगनबाड़ी केन्द्र से हमारे परिवार के पांच बच्चों को पांच किलो चने मिले हैं। वे बच्चे तो क्या मवेशी के खाने लायक भी नहीं है।
– किशनलाल बाबर, ग्रामीण कुणी गोदाम में पड़े एक साल हो गया। गर्मी के कारण थोड़े बहुत बीद गए होंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को देने के आदेश अब मिले थे।
– मंगलचन्द जैवल्या, राशन डीलर, कुणी
ऐसा कोई मामला नहीं है बेकार चने बांटने के लिए तो कहा नहीं था। ऐसी बात है तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से बात करता हूं।
– रामअवतार पूनिया, प्रवर्तन निरीक्षक रसद विभाग