scriptबीमा कम्पनियों ने 5 साल में प्रीमियम से ही कमा लिए साढ़े 600 करोड़ | Insurance companies earned Rs 650 crores in 5 years only from premium | Patrika News

बीमा कम्पनियों ने 5 साल में प्रीमियम से ही कमा लिए साढ़े 600 करोड़

locationनागौरPublished: Apr 08, 2021 10:31:59 am

Submitted by:

shyam choudhary

फसल बीमा में किसानों से हो रही लूट – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नियमों की जटिलताओं के चलते गिने-चुने किसानों को ही मिल रहा लाभ

Amendment in Prime Minister Crop Insurance Scheme, indebted and non-indebted farmers can also be included

योजना से लाभ लेने के इच्छुक किसान दस्तावेज जमा कर सकते हैं

नागौर. प्राकृतिक आपदाओं एवं अकाल से फसलों को होने वाले नुकसान की मार किसान पर नहीं पड़े, इसके लिए हर वर्ष खरीफ व रबी में सीजन में होने वाले फसल बीमा की प्रीमियम राशि से बीमा कम्पनियां तो मालामाल हो रही हैं, लेकिन किसानों को फसल नुकसान की भरपाई होना तो दूर उन्हें प्रीमियम राशि के बराबर भी क्लेम नहीं मिल रहा है। बीमा कम्पनियों की लूट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2016 से शुरू हुई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से पिछले पांच साल में अकेले नागौर जिले से बीमा प्रीमियम के रूप में 1113.33 करोड़ रुपए वसूल किए हैं, वहीं क्लेम के रूप में मात्र 460.98 करोड़ रुपए चुकाए गए हैं। यानी केवल प्रीमियम से ही कम्पनियों ने 652.35 करोड़ रुपए कमा लिए हैं।
यहां बीमा कम्पनियों द्वारा यह कहना लाजमी है कि फसल खराबा होने पर ही क्लेम दिया जाता है, लेकिन पिछले पांच साल के मौसम पर नजर डालें तो हर वर्ष रबी और खरीफ में प्राकृतिक आपदाओं ने जहां पकी पकाई फसलों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है वहीं अकाल के कारण फसलें पक ही नहीं पाई। इसके बावजूद किसानों को या तो बीमा क्लेम मिला नहीं या फिर नाम मात्र का क्लेम देकर इतिश्री कर ली गई।
पूरे 25 फीसदी किसानों को नहीं मिला क्लेम
पिछले पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2016 से खरीफ 2020 तक जिले में कुल 18.86 लाख किसानों ने फसल बीमा करवाया, जिसमें से मात्र 4.62 लाख किसानों को क्लेम दिया गया है। यानी लाभान्वित होने वाले किसान पूरे 25 फीसदी भी नहीं हैं। 24.50 प्रतिशत किसानों को ही क्लेम दिया गया है।
वर्ष 2018 का पूरा क्लेम नहीं दिया
फसल बीमा योजना में लेटलतीफी का आलम यह है कि वर्ष 2018 खरीफ में डेढ़ लाख किसानों ने फसल बीमा करवाया था, लेकिन इसमें से मात्र 30 हजार किसानों का क्लेम जारी पास किया गया, जिसकी राशि 46.74 करोड़ रुपए बनी, लेकिन तीन वर्ष बीतने के बावजूद आज भी 1.57 करोड़ रुपए किसानों के बकाया हैं। हालांकि यह राशि गत वर्ष तक काफी ज्यादा थी, जिसमें से काफी क्लेम राशि जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बीमा कम्पनी टाटा एआईजी के प्रतिनिधियों से बात करके किसानों को दिलवाई है।
खरीफ 2020 में करवाया रिकॉर्ड बीमा
पिछले पांच साल में सबसे अधिक बीमा खरीफ 2020 में करवाया गया। हालांकि गत वर्ष सरकार ने बीमा फसल बीमा योजना में संशोधन करते हुए बीमा की अनिवार्यता हटा दी थी, इसके बावजूद जिले के 3.99 लाख किसानों ने बीमा करवाया। इसी प्रकार खरीफ 2016 में 3.72 लाख किसानों ने बीमा करवाया तो रबी 2016-17 में 82 हजार ने, खरीफ 2017 में 3.44 लाख ने, रबी 2017-18 में 85 हजार ने, खरीफ 2018 में 1.50 लाख ने, रबी 2018-19 में 82 हजार ने, खरीफ 2019 में 2.34 लाख ने, रबी 2019-20 में 1.38 लाख ने तथा रबी 2020-21 में 1.178 लाख किसानों ने फसल बीमा करवाया।
लगातार कर रहे हैं प्रयास
जिन बीमित किसानों के फसल खराबा हुआ है, उन्हें बीमा क्लेम दिलाने के लिए पिछले काफी समय से जिला कलक्टर के निर्देशन में प्रयास किए जा रहे हैं। समय समय पर बैठक कर बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधियों को भी बुलाते हैं। पिछले दिनों में करोड़ों रुपए का क्लेम जारी भी करवाया है। कुछ कमियां बैंक स्तर पर की जाती है, जिसके कारण क्लेम जारी होने में दिक्कत आती है। फिर भी यदि किसी किसान को नुकसान के बावजूद क्लेम नहीं मिला तो वे कृषि विभाग के कार्यालय में अपनी शिकायत दे सकते हैं।
– डॉ. शंकरराम बेड़ा, उप निदेशक, कृषि विभाग, नागौर
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