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किसानों के खातों से प्रीमियम काटा पर बीमा कम्पनी को नहीं मिला

locationनागौरPublished: Jul 30, 2022 09:53:20 pm

Submitted by:

shyam choudhary

बैंक व बीमा कम्पनी की गलती का खमियाजा भुगत रहे सैकड़ों किसान, द नागौर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक का मामला- मूण्डवा तहसील के सैकड़ों किसानों को हुआ लाखों का नुकसान

Insurance company did not get premium deducted from farmers' accounts

Insurance company did not get premium deducted from farmers’ accounts

नागौर. जिले की मूण्डवा पंचायत समिति क्षेत्र के सैकड़ों किसानों के खातों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम राशि काटने के बावजूद बीमा कम्पनी को भुगतान नहीं करने का मामला सामना आया है। फसल खराबे के बावजूद जब किसानों के खातों में बीमा क्लेम राशि जमा नहीं हुई तो उन्होंने कृषि विभाग व बीमा कम्पनी के अधिकारियों से जानकारी मांगी। रिलायंस बीमा कम्पनी के इमरान अहमद खान ने किसानों को लिखित में जवाब देकर बताया कि बैंक ने प्रीमियम राशि कम्पनी को भेजी ही नहीं। जबकि बैंक के अधिकारी कह रहे हैं कि उन्होंने निर्धारित समयावधि में प्रीमियम राशि ऑनलाइन बीमा कम्पनी के खाते में ट्रांसफर की थी। बीमा कम्पनी व बैंक के आपसी सामंजस्य के अभाव में सैकड़ों किसानों को लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है, इसे लेकर कई किसान न्यायालय की शरण में जाने की तैयार कर चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार मूण्डवा पंचायत समिति क्षेत्र के कड़लू ग्राम सेवा सहकारी समिति के 300 से अधिक किसानों की प्रीमियम राशि नागौर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की ओर से काटने के बावजूद बीमा कम्पनी को प्राप्त नहीं हुई ।
कई किसान आज भी अनजान
मूण्डवा की कड़लू जीएसएस के 333 किसानों के खाताें से फसल बीमा की प्रीमियम राशि बैंक की ओर से काटने के बावजूद बीमा कम्पनी को नहीं मिली, जिसके कारण किसानों को फसल खराबे के बावजूद क्लेम नहीं मिल पाया है। इसमें अधिकतर किसान ऐसे हैं, जिन्हें अब तक इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके खाते से काटी गई जानकारी कम्पनी को नहीं मिली, इसलिए वे क्लेम से वंचित रह गए।
पहले भी कई बार हो चुकी गड़बड़ी, फिर भी सुधार नहीं
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बैंकों की लापरवाही की वजह से नागौर जिले के सैकड़ों किसान हर साल प्रीमियम देने के बावजूद बीमा क्लेम से वंचित रह जाते हैं। वर्ष 2018 में खिंयाला गांव के 72 किसानों का प्रीयियम कम्पनी के खाते में जमा नहीं कराने का मामला सामने आया। इसके बाद खरीफ 2020 में कमेडिय़ा गांव के 70 किसानों का बीमा करते समय फसल गांव खेराट (डेगाना) भरने के कारण फसल खराबे के बावजूद सभी किसान क्लेम से वंचित हो गए। खरीफ 2019 में मेड़ता के बासनी कच्छावा व हिरणखुरी गांव के किसानों का फसल गांव फालकी, लिलिया व बड़गांव भरने के मामले भी सामने आए थे, जिसके कारण उन्हें क्लेम नहीं मिल पाया। इसको लेकर किसानों ने न्यायालय की शरण ली तो हाईकोर्ट ने बीमा कम्पनी को क्लेम भुगतान करने के निर्देश दिए थे।
हर साल काट रहे प्रीमियम, क्लेम एक बार भी नहीं
29 जुलाई 2021 को मेरे खाते से फसल बीमा योजना के तहत 814 रुपए प्रीमियम के रूप में काटे गए। बेमौसम बारिश से फसल खराब हो गई, जिसका बीमा कम्पनी ने सर्वे भी किया, लेकिन जब क्लेम नहीं आया तो मैंने बीमा कम्पनी से कारण पूछा। उसके जवाब में मुझे बताया कि कम्पनी को प्रीमियम राशि नहीं मिली, जबकि मुझे बीमा रजिस्ट्रेशन नम्बर भी जारी हुए थे।
– गोरधनराम, किसान, खुड़खुड़ा
फिर कहां गई प्रीमियम राशि
मेरे खाते से बैंक ने फसल बीमा की प्रीमियम राशि काट ली, लेकिन कम्पनी का कहना है कि राशि नहीं मिली। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि प्रीमियम राशि कहां गई। गलती चाहे जिसकी हो, लेकिन मुझे जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कौन करेगा, इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है।
– कानाराम, किसान, कड़लू
बीमा कम्पनी से जवाब मांगा है
हमने किसानों के प्रीमियम की राशि 12 अगस्त 2021 को ही ऑनलाइन बीमा कम्पनी के खाते में जमा करवा दी थी, इसके बावजूद बीमा कम्पनी को यह राशि क्यों नहीं मिली, इसे लेकर हमने बीमा कम्पनी प्रतिनिधियों से बात की है। सोमवार तक जवाब देने की बात कही है।
– अमित किशोर शर्मा, सीनियर मैनेजर, नागौर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, नागौर
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