515 – जिले में कुल आरओ प्लांट लगे।
4 – चरण में लगाए गए आरओ।
140 – आरओ प्रथम चरण में लगे।
179 – आरओ द्वितीय चरण में लगाए गए।
62 – आरओ तृतीय चरण में लगे।
134 – आरओ चतुर्थ चरण में लगाए।
450 – आरओ आज की तारीख में चालू हैं
65 – आरओ मिले बंद
जिले में तृतीय चरण में 62 आरओ प्लांट लगाने वाली फॉन्टस वाटर कम्पनी ने आधा अधूरा काम किया। कई जगह प्लांट चालू ही नहीं किए तो कई जगह प्लांट लगाने के बाद रखरखाव नहीं किया। अधिकारियों ने पहले तो कम्पनी को कई बार पत्र लिखकर आरओ चालू करने के लिए कहा, लेकिन जब कम्पनी पर कोई असर नहीं हुआ तो जयपुर स्तर पर कम्पनी को रिस्क एंड कॉस्ट के आधार पर ब्लैक लिस्ट कर दिया। 62 में से 14 जगह नहर का पानी पहुंच गया है, जबकि 32 जगह नहर का पानी पहुंच गया, लेकिन आपूर्ति सुचारू नहीं है। साथ ही 16 जगह अब तक नहर का पानी नहीं पहुंच पाया है, ऐसे में इन स्थानों पर दूसरी कम्पनी को वर्क ऑर्डर देने की प्रक्रिया चल रही है।
जिले में प्रथम फेज में वर्ष 2014 में 140 गांव-ढाणियों में आरओ प्लांट लगाए गए थे। ठेकेदार कम्पनी पर आरओ प्लांट की देखभाल की जिम्मेदारी सात साल की थी, ऐसे में कम्पनी की समयावधि पूरी हो चुकी है। वहीं दूसरी तरफ प्रथम फेज में लगे 140 आरओ में से 110 जगह नहर का पानी पहुंच गया है, वहीं 30 जगह जल्द ही पानी पहुंचने वाला है। ऐसे में विभागीय अधिकारी आरओ प्लांट को संचालित करने के लिए दुबारा टेंडर करके सरकारी पैसे की बर्बादी नहीं करना चाहते।
जिले में तीसरे चरण में फॉन्टस कम्पनी द्वारा लगाए गए 62 आरओ के साथ तीन आरओ बोरवेल सूखने के कारण बंद हैं। बंद पड़े आरओ प्लांट को चालू करवाने की प्रक्रिया चल रही है। प्रथम चरण में लगाए गए आरओ की देखभाल का समय पूरा होने से कुछ बंद हैं, लेकिन अधिकतर जगह नहरी पानी भी पहुंच चुका है।
– जगदीश प्रसाद व्यास, अधीक्षण अभियंता, पीएचईडी, नागौर