scriptजांच हुई तो जिले में 65 आरओ मिले खराब | Investigation was done, 65 ROs were found defective in the district | Patrika News

जांच हुई तो जिले में 65 आरओ मिले खराब

locationनागौरPublished: Jul 24, 2021 01:10:00 pm

Submitted by:

shyam choudhary

– पत्रिका की खबरों के बाद जिला कलक्टर ने कराई जांच, विभागीय अधिकारियों ने की जांच खराब मिले कई आरओ प्लांट- ठेकेदार को खराब आरओ का भुगतान नहीं करेगा जलदाय विभाग- जिले में चार चरणों में लगे 515 आरओ प्लांट, वर्तमान में 450 चालू हालत में

The worst RO plant in 'Banka Patti' of the Nagaur district

The worst RO plant in ‘Banka Patti’ of the Nagaur district

नागौर. जिले में पिछले वर्षों में अलग-अलग चार चरणों में करोड़ों रुपए की लागत से स्थापित किए गए 515 आरओ प्लांट की जांच करने पर 65 आरओ बंद मिले हैं। इसमें 62 आरओ प्लांट तो ऐसे हैं, जो तीसरे चरण में फॉन्टस वाटर कम्पनी द्वारा लगाए गए थे। इसके अलावा तीन आरओ ऐसे हैं, जिनके बोरवेल सूख चुके हैं। इसके अलावा प्रथम चरण में लगे 140 आरओ प्लांट क रखरखाव का समय पूरा होने के कारण कम्पनी ने संचालन बंद कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि प्रथम चरण में लगे आरओ प्लांट चालू हालत में हैं, लेकिन कम्पनी का दायित्व पूरा होने के कारण बंद हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने गत 4 जुलाई को ‘ग्रामीणों को आरओ का पानी पिलाने की योजना पर जमा फ्लोराइड’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया था। इसके बाद पत्रिका ने पांच जुलाई को ‘नागौर जिले को चारागाह समझ खूब चरे जिम्मेदार’, 7 जुलाई को डेह में नहरी पानी आने के बाद लगाया आरओ, वो भी कस्बे से एक किमी दूर’ शीर्षक से लगातार समाचार प्रकाशित किए, जिस पर 7 जुलाई को ही जिला कलक्टर के निर्देश पर अतिक्ति जिला कलक्टर मनोज कुमार ने पीएचईडी व लिफ्ट कैनाल के अधीक्षण अभियंताओं को निर्देश देकर तीन दिन में जांच रिपोर्ट मांगी थी।
जिले में आरओ प्लांट का ये है गणित
515 – जिले में कुल आरओ प्लांट लगे।
4 – चरण में लगाए गए आरओ।
140 – आरओ प्रथम चरण में लगे।
179 – आरओ द्वितीय चरण में लगाए गए।
62 – आरओ तृतीय चरण में लगे।
134 – आरओ चतुर्थ चरण में लगाए।
450 – आरओ आज की तारीख में चालू हैं
65 – आरओ मिले बंद
कम्पनी ब्लैक लिस्ट
जिले में तृतीय चरण में 62 आरओ प्लांट लगाने वाली फॉन्टस वाटर कम्पनी ने आधा अधूरा काम किया। कई जगह प्लांट चालू ही नहीं किए तो कई जगह प्लांट लगाने के बाद रखरखाव नहीं किया। अधिकारियों ने पहले तो कम्पनी को कई बार पत्र लिखकर आरओ चालू करने के लिए कहा, लेकिन जब कम्पनी पर कोई असर नहीं हुआ तो जयपुर स्तर पर कम्पनी को रिस्क एंड कॉस्ट के आधार पर ब्लैक लिस्ट कर दिया। 62 में से 14 जगह नहर का पानी पहुंच गया है, जबकि 32 जगह नहर का पानी पहुंच गया, लेकिन आपूर्ति सुचारू नहीं है। साथ ही 16 जगह अब तक नहर का पानी नहीं पहुंच पाया है, ऐसे में इन स्थानों पर दूसरी कम्पनी को वर्क ऑर्डर देने की प्रक्रिया चल रही है।
प्रथम फेज के 110 स्थानों पर पहुंचा नहरी पानी
जिले में प्रथम फेज में वर्ष 2014 में 140 गांव-ढाणियों में आरओ प्लांट लगाए गए थे। ठेकेदार कम्पनी पर आरओ प्लांट की देखभाल की जिम्मेदारी सात साल की थी, ऐसे में कम्पनी की समयावधि पूरी हो चुकी है। वहीं दूसरी तरफ प्रथम फेज में लगे 140 आरओ में से 110 जगह नहर का पानी पहुंच गया है, वहीं 30 जगह जल्द ही पानी पहुंचने वाला है। ऐसे में विभागीय अधिकारी आरओ प्लांट को संचालित करने के लिए दुबारा टेंडर करके सरकारी पैसे की बर्बादी नहीं करना चाहते।
65 आरओ प्लांट बंद, जल्द चालू करवाएंगे
जिले में तीसरे चरण में फॉन्टस कम्पनी द्वारा लगाए गए 62 आरओ के साथ तीन आरओ बोरवेल सूखने के कारण बंद हैं। बंद पड़े आरओ प्लांट को चालू करवाने की प्रक्रिया चल रही है। प्रथम चरण में लगाए गए आरओ की देखभाल का समय पूरा होने से कुछ बंद हैं, लेकिन अधिकतर जगह नहरी पानी भी पहुंच चुका है।
– जगदीश प्रसाद व्यास, अधीक्षण अभियंता, पीएचईडी, नागौर
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