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66 दिन लग गए थे शहीद मंगेज सिंह को तलाशने में, पत्नी ने नहीं लिया अन्न का दाना

locationनागौरPublished: Jul 26, 2023 09:27:13 pm

Submitted by:

Sandeep Pandey


-करगिल विजय दिवस पर विशेष
नागौर. देश पर जान न्योछावर करने वाले शहीद अब यादों में ही बसे हैं। कहीं उनकी मूर्ति को सेल्यूट मारा जा रहा है तो कहीं उनके नाम से स्कूल देखकर आंख में उनके त्याग की तस्वीर नजर आ जाती है। करगिल युद्ध में जब दुश्मन देश से ये लोहा ले रहे थे, तब किसने सोचा था कि अब वो लौट के घर ना आएंगे। शहीद हुए हरनावां के मंगेज सिंह की पार्थिव देह को घर आने में एक महीने से अधिक समय तक लगा, तब तक वीरांगना संतोष कंवर ने अन्न तक ग्रहण नहीं किया था।

करगिल में शहादत
जायल तहसील के कठौती के मूलाराम, हुडील नावां के सुरेंद्र सिंह, डीडवाना के सूबेदार भंवरलाल, लाडनूं के हवलदार कानसिंह समेत करीब दस जवानों ने करगिल में शहादत दी। हर वर्ष मनाए जाने वाले करगिल विजय दिवस पर उन्हें श्रद्धासुुमन अर्पित किए जाते हैं।
जायल तहसील के कठौती के मूलाराम, हुडील नावां के सुरेंद्र सिंह, डीडवाना के सूबेदार भंवरलाल, लाडनूं के हवलदार कानसिंह समेत करीब दस जवानों ने करगिल में शहादत दी। हर वर्ष मनाए जाने वाले करगिल विजय दिवस पर उन्हें श्रद्धासुुमन अर्पित किए जाते हैं। परिवार ही नहीं गांव-मोहल्ले में इनके जाने से हुआ सूनापन अभी तक दूर नहीं हो पाया है। सरकार की ओर से सम्मान मिला तो आमजन ने भी भरपूर स्नेह से शहीद परिवारों का साथ दिया।
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