अगस्त के पहले सप्ताह में क्षेत्र में अच्छी बारिश होने से फसलों में वृद्धि भी अच्छी हुई। इससे किसान इस बार अच्छी फसल पैदावार की आश लगा बैठे और नए नए सपने सजाने लगे। लेकिन पूरानी कहावत है ‘पानां है जिस्या धानां हुए जद बात बनै…’ अर्थात जैसी फसलें पान में दिख रही है, वैसी पैदावार मिलनी चाहिए। मगर इस बार भी बारिश की कमी व झोला हवाओं ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया।
यहां बरपा कहर
यहां बरपा कहर
झोला हवाओं का सर्वाधिक असर बालू मिट्टी वाले खेतों में हुआ। शहर सहित क्षेत्र के बिचपुड़ी, चकढाणी, राजोद, सूर्यनगर, विष्णुनगर, पूनास, खारीया कलां, खारीया खुर्द, बुटाटी, सिंधलास, निम्बड़ी चांदावतां, ढाढरिया, गाजू, फिरोजपूरा, आकेली बी, बच्छवारी, भादवासी ख्क्षेत्र में फसलों पर झोला हवाओं ने अधिक कहर ढाया।