भारतीय ट्रेनों को मिलेगी रफ्तार फुलेरा-जोधपुर रेलमार्ग पर विश्वस्तरीय ट्रायल ट्रेक बनने के बाद भारतीय टे्रनें हवा से बातें करती नजर आएगी। भारत में इस समय किसी भी ट्रेन के लिए परीक्षण टे्रक नहीं है। जिस कारण टे्रनों की स्पीड कम है। यहां टे्रक बनने के बाद विदेशों की तर्ज पर हाईस्पीड टे्रनें, रेग्युलर, गुड्स वैगन के ट्रायल किए जा सकेंगे।
प्रोजेक्ट पर एक नजर
प्रोजेक्ट का नाम : गुढ़ासाल्ट से ठठाना मीठड़ी कार्य आरंभ : फरवरी 2019 टै्रक की कुल लम्बाई : 59 किमी.
टै्रक पर छोटे-बड़े पुल : 76 व 9 टै्रक पर स्टेशन: चार
विश्वस्तीय आधुनिक लैब का निर्माण होना है
125 करोड़ का हुआ काम
पहले फेज के निर्माण कार्य में अब तक 125 करोड़ रुपय से ज्यादा खर्च हो गए हैं। प्रोजेक्ट में अभी करोड़ों के कई महत्वपूर्ण टेंडर होना बाकि है। केन्द्र सरकार ने इसके लिए बजट घोषणा 2018-19 में 353 करोड़ रुपए मंजूर किए। रेलवे को 412 करोड़ रुपए के करीब और बजट की सौगात मिलने के आसार हैं।
इनका कहना आज आदेशानुसार टे्रक का निरीक्षण करने जोधपुर से आई हूं। 23.5 किमी. ट्विस्टेड ट्रेक जिसकी कमीशनरी 30 दिसम्बर 2020 को पहले हो चुकी थी। आज उसका पहला टेस्ट ट्रायल था। – गीतिका पांडेय, डीआरएम, जोधपुर