कर सलाहकार के कार्यालय से चोरों ने उड़ाए कम्प्यूटर-लेपटॉप
मकराना. राजकीय चिकित्सालय मार्ग स्थित एक कर सलाहकार के कार्यालय में अज्ञात चोरों ने धावा बोलते हुए वहां रखे लेपटॉप, कम्प्यूटर इत्यादि चुरा लिए। कर सलाहकार एडवोकेट ओमप्रकाश सोलंकी के हनुमानजी का मंदिर परिसर से सटे कार्यालय में गत गुरुवार रात्रि अज्ञात चोरों ने घुस वहां रखे दो लेपटॉप, दो कम्प्यूटर सेट, एक एलईडी कम्प्यूटर एवं एक प्रिंटर मय स्केनर चुराकर ले गए। शुक्रवार की सुबह कार्यालय पहुंचने पर एडवोकेट सोलंकी को चोरी की वारदात घटित होने को लेकर पता चली। मामले की जानकारी मिलने पर एएसआई श्रवण कुमार ने मय जाप्ते के घटना स्थल पर पहुुंचते हुए वहां मौका मुआयना किया। इस दौरान सोलंकी ने बताया कि कार्यालय के लेपटॉप एवं कम्प्यूटर चोरी हो जाने से लगभग सभी क्लाइंट के डाटा रिकार्ड चले गए है। इस दौरान सोलंकी ने बताया कि चोरी की घटना को अंजाम देते हुए अज्ञात चोरों ने वे ही लेपटॉप एवं कम्प्यूटर चुराए जो नए एवं कार्यशील थे वहीं इसी कार्यालय में पड़े खराब सीपीयू को चोरों ने छुआ तक नहीं।
ट्रांसफार्मर से तेल चुराने वाला आरोपी रिमांड पर
पीलवा. कस्बे की पुलिस ने ग्राम नरमा में गत ९ दिसम्बर की रात एक खेत में लगलग 25 केवी के ट्रांसफार्मर में तोडफ़ोड़ करके तेल चोरी की वारदात करने के आरोपी सुखदेव बावरी को गिरफ्तार कर शुक्रवार को परबतसर कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे 8 जनवरी तक पुलिस रिमांड पर लिया गया है । मुंशी प्रकाश चन्द ने बताया कि ग्राम नरमा में गत दिनों ट्रांसफार्मर के इंसुलेटर तोडक़र तेल की चोरी में पीलवा पुलिस द्वारा एक आरोपी को उसी समय पकड़ लिया था। जिसमें एक अन्य आरोपी फरार चल रहा था। उसे बुधवार शाम नाकाबंदी के दौरान पुलिस ने धर दबोचा था।
शिकारियों की गोली से जख्मी हुई नील गाय
पादूकलां. कस्बे में उजलाई नाडी के पास तारबंदी में विचरण कर रही नील गाय को अज्ञात शिकारियों ने पैर में गोली चलाकर उससे जख्मी कर दिया। पर्यायवरण प्रेमी मनसुख प्रजापत ने बताया कि उजलाई नाड़ी के पास तारबंदी में पैर में गोली लगी हुई नीलगाय घायलवस्था में पड़ी मिली जिसको उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। शिकारियों द्वारा नीलगाय के पैर में गोली चलाने के बाद कुछ देर तो वह घायलवस्था में दौड़ती रही, लेकिन ज्यादा खून बहने के बाद वह गिर पड़ी थी। नील गाय के दूर चले जाने के बाद जब शिकारियों के हाथ नहीं आई तो वह खाली हाथ लौट गए थे। घायलवस्था में तीन दिन तक तड़पने के बाद राह से गुजर रहे दिनेश पारीक को पता चला तो उसने जानकारी अन्य लोगों को देकर उससे पीकअप से अस्पताल पहुंचाया गया। तारबंदी होने के कारण घायल नीलगाय का पता नहीं चल पाया था जिसके कारण उसके पैर में गहरा घाव भी हो गया था। गहरी तारबंदी होने का फायदा उठाकर शिकारी आसानी से शिकार कर लेते है। इस दौरान चेनाराम दुग्स्तावा, रामदेव पारीक, जस्साराम बाना, राजेन्द्र बेड़ा आदि ने नीलगाय को अस्पताल पहुंचाने में मदद की।