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‘कथक नृत्य भारत देश की संस्कृति, इस कला को सहजना जरूरी’

locationनागौरPublished: Nov 28, 2021 08:26:57 pm

Submitted by:

Ravindra Mishra

मेड़ता सिटी (nagaur). कथा कहे सो कथक कहलाए…। कथक शब्द का अर्थ है कथा को नृत्य रूप से कथन करना। कथक नृत्य हमारे देश की सदियों पुरानी सांस्कृतिक कलां है। जो आज के वर्तमान समय में धीरे-धीरे कम होती जा रही है। युवा पीढ़ी को देश के प्राचीन इतिहास से रूबरू करवा सके इसके लिए इस कलां को सहजना जरूरी है।

‘कथक नृत्य भारत देश की संस्कृति, इस कला को सहजना जरूरी’

मेड़ता सिटी. कथक नृत्यांगना रॉय को मीरा का स्मृति चिह्न देते उपखंड अधिकारी।

– राष्ट्रपति पुरुस्कार से सम्मानित कथक नृत्यांगना दृष्टि रॉय पहुंची मेड़ता



यह बात राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कथक नृत्यांगना दृष्टि रॉय ने कही। रविवार दोपहर अजमेर से मेड़ता पहुंची रॉय का अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच व यूनिक मेड़ता की ओर से मीरा स्मारक में अभिनंदन किया गया। कथक नृत्य कला के बारे में बताते हुए राय ने कहा कि कथक नृत्य उत्तर भारतीय शास्त्रीय नृत्य है। यह बहुत प्राचीन शैली है क्योंकि महाभारत में भी कथक का वर्णन है। मध्य काल में इसका संबंध कृष्ण कथा और नृत्य से था। प्राचीन काल में कथक को कुशिलव के नाम से जाना जाता था। आज भी देश के कई राज्यों में कथक नृत्य की परम्परा है। एक कथक नृत्यांगना होने के नाते मैं आपसे यही कहूंगी कि हमारे देश की सबसे पुरानी नृत्य की इस शैली को कायम रखने के लिए कला को सहजना जरूरी है। इसके लिए मन और चित्त की एकाग्रता आवश्यक है। सच्चे मन से कला का प्रदर्शन करने से मन को सुकून मिलता है।
रॉय ने स्थापना दिवस पर दे चुकी नृत्य की प्रस्तुति

दरअसल, कथक नृत्यांगना दृष्टि रॉय मीरा स्मारक के स्थापना दिवस पर कथक नृत्य की प्रस्तुति भी दे चुकी है। रॉय के कथक नृत्य को उस समय सभी लोगों ने सराहा था। मेड़ता पहुंची रॉय को उपखंड अधिकारी शैतान सिंह राजपुरोहित ने मीरा स्मारक के बारे में जानकारी दी। मारवाड़ी युवा मंच और यूनिक मेड़ता की ओर से मीरा का स्मृति चिह्न, गुलदस्ता देकर व साफा पहनाकर अभिनंदन किया गया।
कथक नृत्य और संस्कृति से जुड़े मुद्दों पर देर शाम तक की चर्चा

रॉय यहां डॉ. अमित सोनगरा के यहां एक कार्यक्रम में सम्मलित होने आई। इससे पहले का पूरा समय उन्होंने मीरा स्मारक में बिताया। उन्होंने उपखंड अधिकारी राजपुरोहित एवं पूर्व पालिकाध्यक्ष अनिल थानवी, यूनिक अध्यक्ष शौकत अली भाटी, मारवाड़ी युवा मंच के अध्यक्ष अमित टाक, डीडी चारण सहित शहरवासियों के साथ प्राचीन कथक नृत्य शैली सहित संस्कृति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।
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