इस दौरान सीएमएचओ डॉ. महिया व पीएमओ ने अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ चर्चा की। पीएमओ ने बताया कि अस्पताल में लंबे समय से एक ही विंग में काम कर रहे पैरामेडिकल स्टॉफ को उनके अच्छे अनुभव को देखते हुए दूसरी विंग में लगाया जाएगा। जिन पैरोमेडिकल स्टॉफ की अब तक कोविड-19 डेडिकेटेड वार्ड में ड्यूटी नहीं लगाई गई है, उन्हें भी इस कार्य में लगाया जाएगा। पीएमओ ने नर्सिंग अधीक्षक को निर्देश दिए कि रात्रिकालीन ड्यूटी के दौरान अस्पताल में आने वाली महिला मरीजों पर विशेष ध्यान रखें और उनकी समस्याओं पर ध्यान देते हुए संवेदनशीलता के साथ उनका निराकरण करें। उन्होंने लेबर रूम प्रभारी को निर्देश दिए कि प्रसूति वार्ड में आने वाली महिलाओं को तत्काल भर्ती कर उनको बिस्तर आदि सभी सुविधाएं महैया करवाएं।
वहीं दूसरी ओर से सीएमएचओ डॉ. महिया ने भी जिले में समस्त राजकीय चिकित्सा संस्थानों में नो मॉस्क-नो एंट्री का नियम लागू करने के निर्देश जारी किए हैं। इसे लेकर उन्होंने संबंधित ब्लॉक के खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी को मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए हैं। सीएमएचओ ने कहा है कि कोरोना की रोकथाम व बचाव को लेकर वर्तमान में केवल मॉस्क, सेनेटाइजेशन और दो गज की दूरी के नियम की पालना जरूरी है। इसी गाइडलाइन की पालना से हम कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकते हुए इस महामारी को हरा सकते हैं।
हर वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई शुरू
नागौर के जवाहरलाल नेहरू राजकीय अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाने के बाद इसमें उत्पादन भी शुरू हो गया है। इस ऑक्सीजन प्लांट में वर्तमान में 47 लीटर क्षमता के 35 सिलेण्डर भरे जा सकते हैं। पीएमओ ने बताया कि अस्पताल में कोविड-19 डेडिकेटेड वार्ड, मेल-फिमेल वार्ड, जिरियाट्रिक यूनिट, आईसीयू तथा ट्रोमा सेंटर सभी में ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू की जा चुकी है। कोविड-19 डेडीकेटेड वार्ड में 15 वेंटीलेटर बैड के अतिरिक्त 25 बैड को भी ऑक्सीजन पाइपलाइन से जोड़ा दिया गया है। इसके अतिरिक्त कोविड-19 वार्ड के 25 बैड पर लॉ फ्लो ऑक्सीजन सिलेण्डर की व्यवस्था हर समय तैयार रहेगी। वर्तमान में ऑक्सीजन प्लांट से औसतन प्रतिदिन 20 से 25 सिलेण्डर ऑक्सीजन गैस उपयोग में आ रही है। ऑक्सीजन प्लांट शुरू होने से अस्पताल में भर्ती मरीजों को काफी राहत मिली है। अब अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है।