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आखिर ऐसा क्या बोले विधायक बेनीवाल कि भू माफिया में मच गया हडक़म्प, एक्शन मूड में आ रहा प्रशासन

सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को लेकर जिला प्रशासन सख्त,-जिला मुख्यालय पर अतिक्रमण से मुक्त होगी करोड़ों की जमीन

नागौरSep 15, 2017 / 12:57 pm

Dharmendra gaur

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नागौर. खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल द्वारा जिला मुख्यालय पर नगर परिषद की एक हजार करोड़ की भूमि पर भू माफिया का अतिक्रमण होने संबंधी बयान देने से भू माफियाओं में हडक़म्प मच गया है। अब प्रशासन भी एक्शन के मूड में है। विधायक ने सतर्कता समिति बैठक में कहा कि परिषद अपनी भूमि को चिन्हित कर अतिक्रमण हटाए तथा संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराए। विधायक ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद नगर परिषद न्यायालय में भी बेहतर तरीके से पैरवी करें जिससे अतिक्रमियों को सजा मिल सके। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं, इसलिए भू माफिया पर लगाम जरूरी है।
शहर को माफिया चला रहे हैं ?
विधायक ने कहा कि मैं सरकार तो हूं नहीं। नगर परिषद को पता है शहर में किसने अतिक्रमण कर रखे हैं। लोगों में यह संदेश कभी नहीं जाना चाहिए कि शहर को माफिया चला रहे हैं। कलक्टर ने नगर परिषद सचिव को निर्देश किए कि परिषद की जमीन का सर्वे कराएं। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण हटाने के दौरान अतिक्रमियों द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से रोकने या बाधा पहुंचाने की कोशिश करने पर उनके विरुद्ध राजकीय कार्य में बाधा डालने का प्रकरण बनाते हुए संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जाए।
दर्ज करवाई जाए एफआईआर
जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने कलक्टे्रट परिसर स्थित अटल सेवा केंद्र में प्रत्येक माह के दूसरे गुरुवार को होने वाली जनसुनवाई तथा जिला जन अभाव अभियोग एवं सतर्कता समिति की बैठक में कहा कि आदतन अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई जाए। कलक्टर ने कहा कि जिला मुख्यालय समेत जिले भर में अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध सख्त और प्रभावी कार्रवाई की जाए। राजस्व अधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि अराजीराज अथवा गोचर व ओरण भूमि पर किसी भी स्थिति में अतिक्रमण नहीं होना चाहिए।

तहसीलदार से मांगी रिपोर्ट
जायल के खेरवाड़ा के ग्रामीणों की ओर से अतिक्रमण की शिकायत की गई। उन्होंने बताया कि 2013 से अतिक्रमण हो रखा है। कलक्टर गौतम ने जायल तहसीलदार को निर्देश दिए कि अगले 7 दिनों में तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करें तथा अतिक्रमण हटाएं। इसी प्रकार साडोकण के ग्रामीणों ने गांव में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रशासन को 96 बार प्रार्थना पत्र दे चुके हैं और जोधपुर उच्च न्यायालय के अतिक्रमण हटाने के आदेश के बावजूद पालना नहीं हो रही है।
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