प्रेमाराम अजमेर में तैनात है, पिछले कुछ समय से डीएसटी नागौर में प्रतिनियुक्ति पर था। अब इनका मुख्यालय रिजर्व पुलिस लाइन टोंक रहेगा। महिला थाना प्रभारी अंजु कुमारी को कोतवाली का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।
सूत्रों के अनुसार कोतवाली सीआई के खिलाफ कई गंभीर शिकायतें थी। तीन दिन पहले सट्टेबाजी के आरोप में पकड़े गए चेनार सरपंच बल्लू के प्रकरण को भी इससे जोडक़र देखा जा रहा है। भ्रष्टाचार के आरोपों के साथ जितेंद्र सिंह की कार्यशैली को लेकर भी शिकायतें उच्च अधिकारियों को मिल चुकी थी।
बताया जाता है कि जिलेभर में सट्टेबाजी के अधिकांश प्रकरण में जितेंद्र सिंह को तफ्तीश दी जाती थी। कुछ मामलों में आरोपियों के प्रति रियायत तो कुछ में संदिग्ध कार्रवाई को लेकर भी फौजदार पर अंगुलियां उठ चुकी हैं। चेनार सरपंच बल्लू की गिरफ्तारी के बाद उसके घर वालों ने तो साफ आरोप लगा दिया कि पुलिस काफी समय से उससे जबरन वसूली करने की फिराक में थी। इसी के चलते उसको कई बार धमकाया गया था।
संदेह इसलिए भी बढ़ जाता है कि सदर थाना इलाके में पकड़े गए सटोरियों के जरिए सरपंच बल्लू की गिरफ्तारी पर ढील और अजमेर की आईजी स्पेशल टीम की कार्रवाई वो भी बिना स्थानीय पुलिस को शामिल किए हुई। कुछ समय पहले जितेंद्र मूण्डवा में भी इंचार्ज रहे थे, तब भी सीओ से अभद्रता के मामले में इन पर कार्रवाई हुई थी। उधर, प्रेमाराम मूण्ड पहले नागौर थाने में था, शिकायत हुई तो तत्कालीन आईजी हवासिंह घुमरिया ने उसे अजमेर लाइन में लगा दिया। कुछ समय बाद वो नागौर डीटीएस में प्रतिनियुक्ति पर आ गया। उसके खिलाफ मामलों के निस्तारण कराने के साथ बंधी के भी आरोप हैं।
कुछ और भी घेरे में
सूत्रों ने बताया कि जिलेभर में पुलिस के क्रियाकलाप को लेकर पिछले कुछ महीनों से शिकायतें अलग-अलग तरीके से उच्च अधिकारियों तक पहुंच रही है। यही नहीं राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा पीडि़त पक्ष भी अलग-अलग तरीके से बयान-शिकायत कर पुलिस पर अंगुलियां उठा रहा है। पिछले दिनों गच्छीपुरा थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया गया तो थानों के भीतर भी अलग-अलग स्तर के पुलिसकर्मियों के काम को लेकर बदलाव से भी अंदरूनी दाग हकीकत पता लगती है। बताया जाता है कि भ्रष्टाचार और गंभीर आरोपों की जांच करने आई टीम ने दायरा बढ़ाया तो कई और पर भी गाज गिर सकती है।
ऑक्सीजन के खेल में रिपोर्ट तक नहीं की दर्ज
ऑक्सीजन की किल्लत के समय महादेव हास्पिटल के डॉ हापूराम चौधरी ने जोधपुर से एक दर्जन सिलेंण्ड मंगवाए पर गफलत यह हुई कि उनको दो ही मिले। इस संबंध में चौधरी बीस दिन तक शिकायत दर्ज करने के लिए कोतवाली के चक्कर काटते रहे, लेकिन जितेंद्र सिंह मामले को टालते रहे। बाद में आरोपी को जब चौधरी खुद पकडक़र थाने ले गए तो उसके दो थप्पड़ जड़ दिए। चार सिलेण्डर ही डॉ हापूराम को मिले, बाकी अब तक गायब हैं।
भ्रष्टाचार और गंभीर आरोपों की शिकायत के बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया है। कार्यशैली और व्यवहार के साथ कुछ मामलों की शिकायत पर जांच चल रही है। चेनार सरपंच जैसे कुछ और प्रकरण में भी संदिग्ध भूमिका रही। विभागीय जांच में सब सामने आएगा।
-एस सेंगाथिर, आईजी अजमेर रेंज