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मार्च में ठेका खत्म होने से बंद हुई प्रयोगशाला, काश्तकारों को यूं लग रही है चपत

locationनागौरPublished: May 24, 2019 07:42:19 pm

Submitted by:

Pratap Singh Soni

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Merta City News

मेड़ता सिटी. बंद पड़ी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला।

अब नागौर में करवानी पड़ रही है मिट्टी की जांच
मेड़ता सिटी. काश्तकारों को मिट्टी की जांच करवाने बाहर न जाना पड़े इसके लिए मार्च 2017 में यहां सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) कार्यालय परिसर स्थित पीपी मोड पर संचालित प्रयोगशाला में मिट्टी परीक्षण का कार्य शुरू हुआ था। अब मार्च 2019 में इस प्रयोगशाला संचालन को लेकर जारी हुआ दो साल का ठेका खत्म हो जाने से ये प्रयोगशाला पिछले दो माह से बंद पड़ी है। यहां प्रयोगशाला के बंद होने के बाद अब नमूनों की जांच नागौर से करवानी पड़ रही है।

कपास एवं खरीफ फसल बुवाई से पूर्व काश्तकार अपने खेत की मिट्टी की जांच करवाकर संतुलित उवर्रक का प्रयोग कर सके, इसके लिए शुरू हुई मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला का ठेका खत्म होने के बाद यहां काश्तकारों के मिट्टी नमूनों की जांच नहीं हो पा रही। बंद पड़ी प्रयोगशाला के कारण काश्तकार अब नागौर स्थित मृदा परीक्षण प्रयोगशाला जाने को मजबूर है। लोकसभा चुनाव को लेकर लगी आचार संहिता खत्म हो जाने के बाद अब काश्तकारों ने सरकार से फिर नया टेंडर जारी करके इस प्रयोगशाला को शुरू करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि जब प्रयोगशाला चालू थी, तब हर दिन करीब 1000 मिट्टी के नमूनों की जांच का कार्य होता था। मेड़ता, डेगाना और नागौर में 2017-19 ब्लॉक ईयर में 1 लाख 73 हजार काश्तकारों को मिट्टी का परीक्षण के पश्चात सोयल हेल्थ कार्ड वितरण किए गए।

इस प्रयोगशाला से किसानों को मिलता है सीधा फायदा
मेड़ता प्रयोगशाला में जांच के लिए सीधे नमूने लेकर पहुंचने वाले काश्तकारों को 2 से 4 दिनों में मिट्टी जांच की रिपोर्ट मिल सकती है तथा काश्तकारों को सोयल हेल्थ कार्ड भी दिए गए। जिससे किसान को अपनी भूमि की उर्वरकता के बारे में सहजता से पता चल सके। इस प्रयोगशाला के खुलने का सीधा किसानों को इसका फायदा मिलता था। परंतु अब ये बंद होने से नमूनों की जांच के लिए नागौर जाना पड़ता है। पीपी मोड पर संचालित होने वाली प्रयोगशाला में काश्तकारों द्वारा जांच के लिए पहुंचने वाले मिट्टी के नमूनों में ऑर्गोनिक कार्बन, पीएच, ईसी, पोटास, पोसपोरस, सल्फर सहित 6 तरह की अलग-अलग जांच कर तैयार हुई मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट काश्तकारों को दी जाती है।

लवणता, सारिए, कार्बन व अन्य तत्वों की तुरंत मिलती थी जानकारी
यहां बंद पड़ी प्रयोगशाला में पहले दो पारियों में मिट्टी की जांच का कार्य होने से काश्तकारों को ये फायदा मिलता था कि वे खरीफ तथा रबी फसलों की बुवाई से पूर्व अपने खेत की मिट्टी की लवणता, सारिए, कार्बन सहित तत्वों की हाथों-हाथ जांच कराकर के मिट्टी को उपचारित करते थे। परंतु अब दो माह से ये प्रयोगशाला बंद होने से काश्तकारों को नागौर नमूनों की जांच के लिए जाना पड़ रहा है।

इनका कहना है…
‘प्रयोगशाला के बंद होने से जितने भी सेंपल आ रहे है, उनको नागौर भेजा जा रहे है। आचार सहिता लागू होने के कारण प्रयोगशाला शुरू करने के लिए नया टेंडर जारी नहीं हो पाया था। अब आचार संहिता खत्म होने के बाद नए टेंडर जारी होने पर प्रयोगशाला शुरू होगी।’
अणदाराम चौधरी, सहायक निदेशक कृषि, मेड़ता सिटी।

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