राजकीय शिक्षण संस्थानों में करीब डेढ़ हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को जगह मिलने के बाद भी 600 से ज्यादा केन्द्र अभी भी भवन विहीन चल रहे हैं।
नागौर•Aug 27, 2018 / 11:51 am•
Sharad Shukla
where will get the file to Education Department
नागौर. राजकीय शिक्षण संस्थानों में करीब डेढ़ हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को जगह मिलने के बाद भी 600 से ज्यादा केन्द्र अभी भी भवन विहीन चल रहे हैं। इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से फिलहाल इन्हें स्कूलों में जगह दिए जाने के लिए हर बार मिले आश्वासन के बाद अब महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसकी रिपोर्ट जिलों के उपनिदेशकों से मांग ली है। निदेशालय से आए निर्देश में स्पष्ट कहा गया कि विद्यालयों में मर्ज हुए केन्द्रों एवं भवन विहीन केन्द्रों की स्थिति ब्लॉक वार जानकारियां जल्द भेज दी जाए ताकि यथोचित कदम उठाया जा सके।
जिले के नागौर, मकराना, कुचामन, जायल, गोटन, खींवसर, मेड़ता, डीडवाना, डेगाना एवं परबतसर आदि क्षेत्रों में स्थापित करीब तीन हजार केन्द्रों में अब तक महज 50 प्रतिशत केन्द्रों को ही स्कूलों में जगह मिल पाई है। शेष अभी भी भवन के इंतजार में हैं। इस संबंध में निदेशालय की ओर से निर्देश पत्र मिलने के बाद ब्लॉकवार केन्द्रों की भौतिक स्थिति का फिर से सत्यापन किए जाने का काम शुरू कर दिया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल प्रारंभिक स्तर पर बिना भवन वाले केन्द्रों की संख्या एक हजार तक हो सकती है। हालांकि इसकी ब्लॉकवार पूर्व में रिपोर्ट मिली थी, लेकिन अब सभी केन्द्रों के फोटो के साथ उनकी रिपोर्ट मांगी गई है। ताकि रिपोर्ट की सत्यता में कोई संदेह की स्थिति न उत्पन्न हो सके।
भामाशाहों की मदद से कराएं काम
निदेशालय की ओर से दिशा-निर्देश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि केन्द्रों की रिपोर्ट मिलने के बाद उनकी स्क्रीनिंग कर बिंदुवत निष्कर्ष निदेशालय भेज दें। इसमें जीर्ण-शीर्ण केन्द्रों का पुर्ननिर्माण व उसकी मरम्मत भामाशाहों की मदद से कराई जा सकती है। यही नहीं, केन्द्रों की जगह के लिए भामाशाहों से मदद ली जाए। भामाशाहों को इसके लिए तैयार किए जाने काम काम करने के लिए अधिकारी अपने जिलों में इसके लिए विशेष टीम का गठन कर लें। यह टीम क्षेत्रीय भामाशाहों से मुलाकात कर इस पर चर्चा करेंगे। इसकी भी मासिक रिपोर्ट अब निदेशालय भेजना सुनिश्चित करें कि इस संबंध में उनकी ओर से क्या प्रयास किए गए।
इनका कहना…
&निदेशालय से भवनविहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की रिपोर्ट के साथ भौतिक स्थिति का विश्लेषण भी मांगा है। इस संबंध में भामाशाहों से भी सहयोग लिए जाने के लिए कहा गया है।
दुर्गासिंह उदावत, का.वा. उपनिदेशक आईसीडीएस नागौर