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एलएचवी की फिर दबंगई, चिकित्सक के साथ गाली-गलौच

locationनागौरPublished: Dec 29, 2018 06:08:45 pm

Submitted by:

Anuj Chhangani

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padukala

एलएचवी की फिर दबंगई, चिकित्सक के साथ गाली-गलौच

पादूकलां. कस्बे के राजकीय आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पातेय वेतन एलएचवी की एक बार फिर दबंगई सामने आई है। चिकित्सा प्रभारी डॉ. अनिल कुमार मीणा ने एलएचवी कीर्ति शर्मा को ऑफिशियल काम के लिए कहा गया तो उसने गाली-गलौच कर झूठे मामले में फंसाने की धमकी भी दे डाली। इस मामले को लेकर डॉ. मीणा ने 26 दिसम्बर को एलएचवी को एपीओं कर दिया गया। लेकिन सीएमएचओं नागौर द्वारा उसे 27 दिसम्बर को फिर पादूकलां अस्पताल में ज्वॉइनिंग के आदेश दे दिए। इससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने मेड़ता विधायक इन्द्रादेवी बावरी को मामले की जानकारी दी गई। मेड़ता विधायक बावरी ने शुक्रवार को पादूकलां अस्पताल पहुंच निरीक्षण कर उच्च अधिकारियों से दूरभाष पर बात कर मामला सुलझाने की बात कही। गौरतलब है कि पूर्व में भी 26 फरवरी 2017 को पत्रिका में प्रमुखता से एलएचवी की दबंगई, चिकित्सक को झूठे मामले में फंसाने की धमकी शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। तत्कालीन चिकित्सक वरुण वर्मा के साथ भी गाली गलौच करने पर सभी ग्रामीण लामबंद होकर पादूकलां कस्बा बंद करवा अस्पताल पर ताला जडकऱ धरने पर बैठ गए थे। उस समय बीसीएमओं रियांबड़ी डॉ. प्रभुसिंह राठौड़ ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से समझाइश कर एलएचवी को तुरंत प्रभाव से एपीओ कर दिया था, उसके बाद अस्पताल का ताला खोला गया, लेकिन एलएचवी ने भी हठधर्मिता व तानाशाही रवैया अपनाते हुए कोर्ट से स्थगन आदेश लाकर पुन: पादूकलां अस्पताल में ज्वानिंग कर ली थी। इस बार भी सीएमएचओ नागौर द्वारा स्थगन आदेश का हवाला देकर एलएचवी को पुन: ज्वॉइनिंग के आदेश दे दिए गए है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार एलएचवी के पास कोर्ट का स्थगन आदेश की अवधि अप्रेल 2018 में ही खत्म होना बताया जा रहा है।

पूर्व में भी कराया था पुलिस में झूठा मामला दर्ज
एलएचवी कीर्ति शर्मा ने 2011 में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनियों के बीच भी मारपीट का मामला हुआ था। इसको लेकर भी एलएचवी ने दबंगई दिखाते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा सहयोगिनियों पर पुलिस में झूठा मामला दर्ज करवाया था। लेकिन सितम्बर 2018 में कोर्ट का फैसला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पक्ष में ही आया है।

इनका कहना है
एलएचवी और चिकित्सकों के बीच के विवाद को लेकर दोनों चिकित्सकों को नागौर बुलाया गया, लेकिन आए नहीं। एलएचवी के पास कोर्ट का स्थगन आदेश होने से उसे हटा नहीं सकते हैं। कोर्ट की अवमानना होती है जो कि नियम विरुद्ध है।
डॉ. सुकुमार कश्यप सीएमएचओ नागौर।
ग्रामीणो द्वारा बार-बार शिकायत मिल रही थी कि डीलीवरी करवाने के लिए पैसों की मांग करती है नहीं देने पर डिलीवरी नहीं करवाती है। ग्रामीणों की शिकायत पर समझाइश करने पर हमारे साथ भी गाली गलौच करने व झूठे मामले में फंसाने की धमकी देती है। सर्वे में भी उसको लगया गया, लेकिन उन्होंने कहा आप आदेश देने वाले कौन होते हो। इस मामले को लेकर उसको एपीओ किया गया है।
डॉ. अनिल कुमार मीणा चिकित्साप्रभारी पादूकलां

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